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निराश ना होकर सटेफिन हाकिस की तरह सकारात्मक सोचें: प्रो. राणा

- जीजेयू में राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां एवं समाधान

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 09:30 PM (IST)
निराश ना होकर सटेफिन हाकिस की तरह सकारात्मक सोचें: प्रो. राणा
निराश ना होकर सटेफिन हाकिस की तरह सकारात्मक सोचें: प्रो. राणा

- जीजेयू में राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से 'कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: चुनौतियां एवं समाधान' विषय पर वेबिनार

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जागरण संवाददाता, हिसार : पूरे विश्व में कोरोना महामारी का प्रकोप है। दिन प्रतिदिन बढ़ते केसों को देखकर कुछ लोग मानसिक रूप से डरे हुए हैं। इन्हीं परिस्थितियों देखते हुए गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार की राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से 'कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: चुनौतियां एवं समाधान' विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्यवक्ता प्रो. संदीप राणा ने कहा कि लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है, परन्तु सकारात्मक सोच रखने पर नहीं। हमें सकारात्मक उर्जा के साथ जीना है। मनुष्य के दिमाग में हजारों विचार आते हैं, परन्तु हमें अच्छे विचारों का अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए।

प्रो. संदीप राणा ने विद्यार्थियों को मेडिटेशन के टिप्स भी दिए। उन्होंने सुबह की चार मिनट की थेरेपी के बारे में बताया। उन्होंने कहा घर पर हमें अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए और परिवार के सदस्यों से बात करनी चाहिए। उन्होंने स्वयंसेवकों को सटेफिन हाकिस का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अच्छा सोचते रहना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों से योग को अपनी दिनचर्या में डालने का भी आह्वान किया और कहा कि हमें वर्तमान में जीना है। अपने आप को बेहतर समझें और महामारी में अपना बचाव करें।

ऐसे समय में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होना जरूरी : प्रो. टंकेश्वर

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में हम अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। महामारी ने आम जन के दिमाग में भय पैदा कर दिया है। ऐसे समय में लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होना जरूरी है। जहां लॉकडाउन के समय में लोगों को रूटीन के कार्य छूट गए, वहीं वो घर पर रहकर कोरोना से देश को लड़ने में अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं। लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मनोवैज्ञानिक अहम भूमिका निभा रहे हैं।

नए केसों से ज्यादा लोग ठीक हो रहे

समन्वयक डा. अनिल भानखड़ ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी के बारे में ज्यादा न सोचें। नए केसों से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है। शारीरिक अभ्यास के साथ योग एवं प्राणायाम भी जरूरी है। हमें अच्छा पौष्टिक आहार लेना चाहिए तथा महामारी के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में सभी स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम अधिकारी डा. कश्मीरी लाल ने स्वयंसेवकों को कहा कि आप परिवारजनों और आस-पास के लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करें। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. अनिल कुमार भानखड़ ने की। वेबिनार में सभी कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वयंसेवकों सहित भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की समन्वयक डा. सुषमा जोशी व राजकीय महाविद्यालय हिसार के कार्यक्रम अधिकारी डा. अशोक श्योराण भी मौजूद रहे।


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