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बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने के निर्देशों पर भड़का प्राइवेट स्कूल संघ

जागरण संवाददाता हिसार हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा एसएलसी के सरकार

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 04:10 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 04:10 AM (IST)
बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने के निर्देशों पर भड़का प्राइवेट स्कूल संघ
बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने के निर्देशों पर भड़का प्राइवेट स्कूल संघ

जागरण संवाददाता, हिसार: हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा एसएलसी के सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिए जाने संबंधी निर्देशों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघ ने आरोप लगाया कि इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों को खत्म करने का षडयंत्र रच रही है। अगर यह निर्णय वापस नहीं हुआ तो प्राइवेट स्कूल अपने स्कूलों पर ताला लगाकर चाबी मुख्यमंत्री का सौंपने पर मजबूर हो जाएंगे। इसके साथ ही संघ ने सरकारी आदेशों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करने व करनाल स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की चेतावनी दी है।

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हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलूराम रामायणवाला, प्रांतीय महासचिव पवन राणा व अशोक रोहतक, कोषाध्यक्ष श्यामलाल शर्मा, रणधीर पूनिया, संजय धत्तरवाल व प्रदेश प्रवक्ता विनय वर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल पहले ही करोना महामारी की मार झेल रहे हैं और हजारों स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। इस विकट परिस्थिति में सरकार को चाहिए कि प्राइवेट स्कूलों को वित्तीय सहायता मुहैया कराए, जबकि सरकार इसके उलट हर रोज तुगलकी फरमान जारी कर रही है। अब शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों में दाखिलों को लेकर बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला लिया है। इसके अनुसार अब सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए एसएलसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि सरकारी स्कूलों में आने वाले हर बच्चे को तुरंत दाखिला दिया जाए, चाहे उसके पास स्कूल लीविग सर्टिफिकेट न हो। ऐसे विद्यार्थियों के पिछले स्कूल को सरकारी स्कूल की और से दाखिले के बारे में सूचित कर 15 दिन में स्कूल लीविग सर्टिफिकेट जारी करने का आग्रह किया जाएगा। अगर 15 दिन में यह सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ तो इसे स्वत: ही जारी मान लिया जाएगा।

कुंडू ने कहा कि 19 मार्च से जून के मध्य तक शिक्षा विभाग ने दर्जनों ऐसे नोटिफिकेशन जारी किए हैं, जिसको देखकर ऐसा लगता है कि यह सरकार शिक्षा और शिक्षक विरोधी है। सरकार कभी यह कहती है कि बच्चों से फीस ना लो, कभी दाखिला ना लो या अन्य फंड ना लो।


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