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कोविड संक्रमित मरीजों से मनमर्जी से पैसे नहीं वसूल सकेंगे निजी अस्पताल संचालक

अस्पताल संचालक मरीजों से मनमर्जी से पैसे नहीं वसूल सकेंगे। इसके लिए जिलाधीश आरएस ढिल्लो ने विशेष रूप से आदेश जारी किए हैं। जिलाधीश के आदेशानुसार कोरोना का उपचार करने वाले अस्पताल संचालकों को अपने अस्पताल में सरकार द्वारा निर्धारित रेट-फीस की सूची बोर्ड पर चस्‍पा करनी होगी

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 06:00 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 06:00 PM (IST)
कोविड संक्रमित मरीजों से मनमर्जी से पैसे नहीं वसूल सकेंगे निजी अस्पताल संचालक
कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित शुल्‍क ही लिया जा सकेगा

जागरण संवाददाता, भिवानी । कोविड का उपचार देने वाले निजी अस्पताल संचालक मरीजों से मनमर्जी से पैसे नहीं वसूल सकेंगे। इसके लिए जिलाधीश आरएस ढिल्लो ने विशेष रूप से आदेश जारी किए हैं। जिलाधीश के आदेशानुसार कोरोना का उपचार करने वाले अस्पताल संचालकों को अपने अस्पताल में सरकार द्वारा निर्धारित रेट-फीस की सूची बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से लगानी होगी, ताकि वहां पर कोरोना का उपचार लेने वाले मरीजों को उनसे वसूल किए जाने वाले पैसों का पहले भी पता चल सके। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के उपचार हेतु निजी अस्पतालों के रेट निर्धारित किए थे। लेकिन विगत में प्रदेशभर के साथ-साथ शहर में भी कुछ निजी अस्पताल संचालकों द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित रेट से अधिक पैसे वसूल किए जाने के मामले सामने आए। मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया था, जिसके पास कोरोना संक्रमित मरीजों द्वारा उनसे अधिक पैसे वसूल किए जाने की शिकायतें पहुंची। प्रशासन ने जांच बिठाई और चिकित्सकोंं से उनके अस्पताल में उपचार ले चुके लोगों का रिकार्ड मांगा।

कोरोना महामारी संक्रमण के बढ़ते मामलों व मरीजों की भलाई के मद्देनजर ही जिलाधीश ने जिला में आदेश जारी किए हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पैनल पर लिए गए अस्पताल अपने-अपने अस्पताल में रेट की सूची बाकायदा बोर्ड पर लिखवाना होगी। ताकि वहां पर उपचार के लिए जाने वाले मरीज को यह पता चल सके कि उनसे कितने रुपए वसूल किए जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग करेगा बोर्ड पर रेट चस्पा किए जाने रिपोर्ट प्रस्तुत

जिलाधीश ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना-ओमिक्रोन के उपचार के लिए नामित अस्पतालों का निरीक्षण करवाएं और यह देखा जाए कि उन्होंने अपने-अपने अस्पताल में रेट की सूची लगाई है या नहीं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में 18 जनवरी तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का समय दिया गया है।

सरकार द्वारा कोविड-ओमिक्रोन संक्रमण महामारी के उपचार लिए बाकायदा रेट निर्धारित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ निजी अस्पतालों को कोविड-ओमिक्रोन के लिए नामित किया गया है। इन निजी अस्पताल संचालकों को अपने-अपने अस्पताल में सरकार द्वारा निर्धारित रेट की सूची बोर्ड पर लगानी चाहिए। आदेशों की अवहेलना करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- डा. आरएस ढिल्लो, जिलाधीश, भिवानी


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