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चीन के बिजली संकट से सिलिकान रबड़ का भाव तीन से चार गुणा हुआ महंगा, बहादुरगढ़ में ठप होने लगा उत्पादन

बिजली संकट की वजह से ही चीन से आयातित सिलिकान रबड़ का भाव अचानक तीन से चार गुणा तक बढ़ गया है। ऐसे में सिलिकान रबड़ से स्पेयर पार्ट्स व अन्य उपकरण बनाने वाली बहादुरगढ़ की आटो मोबाइल व मेडिकल से संबंधित फैक्ट्रियों उत्पादन ठप होने लगा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 08:29 AM (IST)
चीन के बिजली संकट से सिलिकान रबड़ का भाव तीन से चार गुणा हुआ महंगा, बहादुरगढ़ में ठप होने लगा उत्पादन
कई फैक्ट्रियों ने सिलिकान रबड़ से बनने वाले स्पेयर पार्ट्स का उत्पादन किया बंद, किसी का उत्पादन 50 फीसद सिमटा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: चीन में चल रहे बिजली संकट ने बहादुरगढ़ के उद्योगों को भी संकट में डाल दिया है। बिजली संकट की वजह से ही चीन से आयातित सिलिकान रबड़ का भाव अचानक तीन से चार गुणा तक बढ़ गया है। ऐसे में सिलिकान रबड़ से स्पेयर पार्ट्स व अन्य उपकरण बनाने वाली बहादुरगढ़ की आटो मोबाइल व मेडिकल से संबंधित फैक्ट्रियों उत्पादन ठप होने लगा है। कुछ फैक्ट्रियों ने उत्पादन बंद कर दिया है तो कुछ का उत्पादन 50 फीसद तक घट गया है।

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सिलिकान रबड़ चीन से आयातित होता है। कुछ माह पहले इसका रेट 300 रुपये प्रति किलो था। चीन के बिजली संकट की वजह से कुछ दिनों पहले इसका रेट 525 रुपये प्रति किलो हुआ तो अब इसका रेट एक हजार रुपये प्रति किलो व इससे ऊपर चल रहा है। रेट ज्यादा होने की वजह से कई फैक्ट्री संचालकों ने अपना उत्पादन रोककर सिलिकान रबड़ मंगवाना बंद कर दिया है। बहादुरगढ़ में आटो मोबाइल व मेडिकल उपकरण बनाने वाली फैक्ट्रियों में प्रति माह 50 टन से ज्यादा इसका प्रयोग होता है।

50 फीसद रह गया उत्पादन:राजेश चोपड़ा

गणपति धाम में रबड़ उत्पाद बनाने वाली शिवोमेटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजेश चोपड़ा बताते हैं कि सिलिकान रबड़ सिर्फ चीन से आयात होती है। हमारे यहां पर करीब चार टन प्रति माह इसकी खपत होती है। पहले यह 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलती थी। अब एक हजार रुपये प्रति किलो इसका भाव है। इस कारण हमारा उत्पादन 50 फीसद रह गया है।

सिलिकान रबड़ के भाव ज्यादा हुए और समय पर न मिलने की वजह से बंद किया उत्पादन: प्रवीण गर्ग

गणपति धाम में पारूल रबड़ फैक्ट्री के मालिक प्रवीण गर्ग ने बताया कि हम आटो पार्ट्स बनाते हैं। कई स्पेयर पार्ट्स में सिलिकान रबड़ का प्रयोग होता है। चीन से कच्चा माल आता है। हमारे यहां भी चार टन प्रति माह सिलिकान रबड़ की खपत होती थी। इसके भाव ज्यादा हुए तो हमने अपना उत्पादन की बंद कर दिया। चीन में बिजली संकट की वजह से भाव ज्यादा हुए हैं।

बहादुरगढ़ में करता था 20 टन सिलिकान रबड़ सप्लाई, रेट बढ़े और समय पर माल न मिलने से मांग हुई जीरो: किंद्रा श्रीकृष्ण रबड़ कैमिकल के संचालक रवि किंद्रा ने बताया कि मैं हर माह करीब 20 टन सिलिकान रबड़ की सप्लाई बहादुरगढ़ की फैक्ट्रियों में करता था। चीन में इसके रेट बढ़े और समय पर माल की सप्लाई न होने से बहादुरगढ़ में इसकी मांग अचानक जीरो हो गई। अब वे माल नहीं मंगवा रहे हैं।

कोविड की वजह से कंटेनर का किराया हुआ एक लाख से चार लाख:

बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एवं पारूल रबड़ प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रवीण गर्ग ने बताया कि कोरोना की वजह से चीन से कच्चा माल मंगवाने के लिए कंटेनर का ट्रांजिट टाइम भी अब बढ़ गया है। जो कंटेनर पहले एक माह में आता था वो अब डेढ़ से दो माह में आने लगा है। ऐसे में इस कंटेनर का का किराया भी काफी बढ़ गया है। जो कंटेनर पहले करीब एक लाख में आ जाता था वो अब करीब चार लाख रुपये में आ रहा है। ऐसे में किराये की वजह से भी चीन से आयातित कच्चा माल महंगा हुआ है।

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