झज्जर में कोख के कातिलों का नेटवर्क हैक करने की तैयारी, आंगन में गूंजेगी बेटियों की किलकारी
झज्जर में लिंगानुपात सुधारने के लिए नई योजना तैयार की गई है। अब गर्भपात के नेटवर्क पर वार किया जाएगा। गर्भवती होते ही महिला का रजिस्ट्रेशन करवाने पर जोर है। धापा ताई व आंगनबाड़ी वर्कर गर्भपात करवाने वाली महिला व परिवार से संपर्क करेंगी।
झज्जर, जेएनएन। ...अब कोख के कातिलों का नेटवर्क हैक करके ही आंगन में बेटियों की किलकारी गूंजेगी। जी हां, अब किन्हीं भी परिस्थितियों में गर्भपात करवाने वाली हर महिला पर नजर रखी जाएगी। ताकि गर्भपात करने वालों (कोख के कातिलों) का पता लगाया जा सके। इससे गर्भपात करने वालों पर पूर्ण रुप से शिकंजा कसा जा सकेगा।
इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग योजना के तहत कदम उठा रहा है। इसके तहत गर्भपात करवाने वाली महिला व उसके परिवार से बातचीत करके हर तथ्य को रिकॉर्ड पर लाया जाए। ऐसा होने से निश्चित ही लिंगानुपात में भी सुधार होगा। साथ ही किन्हीं कारणों से होने वाली ऐसी गतिविधियों पर भी विराम लगेगा। जबकि, लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए विभाग ने महिलाओं को धापा ताई बनाकर पहले ही फील्ड में उतारा हुआ है। जो कि ग्राम स्तर पर महिलाओं को किस्सों से प्रेरित कर रही हैं। बताया जा रहा है कि किस तरह बेटियां बदलाव की जनक बन रही हैं।
धापा ताई, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एएनएम की टीम बनाई
अभियान के तहत धापा ताई, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एएनएम की टीम को तैयार किया गया हैं। जिसमें हर महिला के गर्भधारण करवाने के बाद रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। गर्भ में पल रहे शिशु के जन्म लेने तक की प्रक्रिया पर टीम नजर रखेगी। इस दरमियान अगर कोई महिला गर्भपात करवाती है तो टीम तह तक जाते हुए यह जानने का प्रयास करेगी कि गर्भपात करवाने की वजह क्या हैं। धापा ताई, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एएनएम महिला के परिवार वालों से बातचीत करेंगी। अगर गर्भपात का कारण स्वास्थ्य संबंधित कोई दिक्कत है तो उसे भी जाना जाएगा।
लिंग भेद के कारण गर्भपात, तो परिवार से बात करेगी टीम
डिलीवरी के दौरान जच्चा या बच्चा को कोई दिक्कत हो सकती है या फिर बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं है। ऐसी स्थिति में तो गर्भपात करवाया जा सकता है। सभी पहलुओं को इसमें शामिल किए जाने का प्रावधान किया गया हैं। अगर गर्भपात लिंग भेद (गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग लड़का या लड़की होने) के कारण करवाया जाता है तो ऐसे में यह टीम परिवार से बातचीत करके गर्भपात करने वाले का पता लगाएगी। जो कि ऐसी टीम तक पहुंचने का बड़ा जरिया बनने वाला है। दरअसल, मूल उद्देश्य कोख के कातिलों के नेटवर्क को हैक करना ही है।
गर्भधारण करने के तुरंत बाद रजिस्ट्रेशन पर जोर
जैसे ही कोई महिला गर्भधारण करती है तो उसका रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसकी ड्यूटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की लगाई गई है। ताकि उनके क्षेत्र में कोई महिला गर्भधारण करे तो उसका जल्दी से जल्दी रजिस्ट्रेशन किया जाए। ताकि महिला को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा सके। वहीं स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता व निगरानी भी रखी जा सके। साथ ही गर्भपात की स्थिति में भी जानकारी मिल सके।
लिंगानुपात में सुधार करने के लिए विभाग जुटा हुआ
महिला एवं बाल विकास विभाग झज्जर की कार्यक्रम अधिकारी नीना खत्री ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार करने के लिए विभाग जुटा हुआ है। जागरूकता के साथ-साथ अन्य अभियान भी चला रहा है। अब अगर कोई महिला गर्भपात करवाती है तो ऐसी स्थिति में धापा ताई, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एएनएम इसके पीछे के कारण का पता लगाएंगी।