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Kisan andolan: बॉर्डरों पर युवाओं को जुटाने की तैयारी, पश्चिम बंगाल रवाना होंगे किसान नेता

किसान आंदोलन के तहत 15 मार्च तक के कार्यक्रम तो पहले से तय हैं। शुक्रवार को तो संयुक्त मोर्चा के कई नेता पश्चिम बंगाल में भी प्रचार के लिए जाएंगे। माेर्चा ने पहले ही पांच राज्यों के चुनावों में पार्टी विशेष के विरोध का ऐलान कर रखा है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 09:27 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 10:29 PM (IST)
Kisan andolan: बॉर्डरों पर युवाओं को जुटाने की तैयारी, पश्चिम बंगाल रवाना होंगे किसान नेता
हिलाओं के बाद अब बाॅर्डरों पर युवाओं को जुटाने की तैयारी है। एक खास दिन युवाओं के नाम रहेगा।

हिसार/ बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को जारी रखने को लगातार होने वाले प्रदर्शनों के लिए तैयारी की जा रही है। एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा होली तक की गतिविधियों की घोषणा कर चुका है। इन्हें सफल बनाने के लिए किसान कमर कस रहे हैं। महिलाओं के बाद अब बाॅर्डरों पर युवाओं को जुटाने की तैयारी है। एक खास दिन युवाओं के नाम रहेगा।

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दूसरी ओर पुलिस प्रशासन भी प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम करेगा। 15 मार्च तक के कार्यक्रम तो पहले से तय हैं। शुक्रवार को तो संयुक्त मोर्चा के कई नेता पश्चिम बंगाल में भी प्रचार के लिए जाएंगे। माेर्चा ने पहले ही पांच राज्यों के चुनावों में पार्टी विशेष के विरोध का ऐलान कर रखा है। 15 मार्च को रेलवे स्टेशनों के बाहर होने वाले धरना-प्रदर्शनों में किसान संगठनों के सदस्य भी शामिल होंगे।

आंदोलन में युवाओं में जोश भरने का प्रयास

इसी तरह 19, 23, 26 और 28 मार्च की गतिविधियां तय की गई हैं। दरअसल, आंदोलनकारियों में जोश बना रहे और आंदोलन भी चलता रहे, इसी उद्देश्य के साथ ये गतिविधियां तय की गई हैं। आंदोलन में अब किसानों की संख्या पहले जितनी नहीं है, इस बात को खाप नेता भी स्वीकार चुके हैं और किसान नेता भी। हालांकि उनका यह दावा है कि जब जरूरत होगी तो एक रात में ही किसान पहले जितनी संख्या में बॉर्डर पर पहुंच जाएंगे।

तंबू में लगे पंखे-कूलर, फ्रिज

उधर, आंदोलन स्थल पर गर्मी के हिसाब से रोजाना तंबू बदल रहे हैं। आंदोलनकारी शहर से बांस-बल्ली, टाटी खरीदकर ले जा रहे हैं। कूलर और फ्रिज भी खरीदे जा रहे हैं। तंबुओं में पंखे लग चुके हैं। कूलर-फ्रिज भी रखे जा रहे हैं। बाइपास पर लाइटों के खंभाें से आंदोलन की शुरूआत से ही बिजली सप्लाई ली गई है।

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