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हिसार में कोराेना मृतकों का करवाते थे अंतिम संस्‍कार, खुद संक्रमित हुए तो तीन घंटे नहीं मिला बेड, प्रधान प्रवीन का निधन

नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान होने के बावजूद प्रवीन ने कोरोना के कारण मरने वालों के अंतिम संस्कार की 12 अप्रैल 2020 से कमान संभाली थी। एक साल से अधिक समय से अपनी टीम सदस्यों के साथ मिलकर 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुके थे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:48 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 08:48 AM (IST)
हिसार में कोराेना मृतकों का करवाते थे अंतिम संस्‍कार, खुद संक्रमित हुए तो तीन घंटे नहीं मिला बेड, प्रधान प्रवीन का निधन
नगर पालिका कर्मचारी संघ प्रधान प्रवीन टीम के साथ करीब 300 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्‍कार करवा चुके थे।

हिसार, जेएनएन। कोविड-19 के इस भयावह दौर में लोगों के जीवन की रक्षा के लिए दिनरात कड़ी मेहनत करवाने वाले कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा राम भरोसे है। यदि उन्हें कोरोना हो जाए तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें स्वयं के उपचार के लिए बेड मिल जाएगा। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रविवार को उन्हें उस समय देखने को मिला जब कोरोना योद्धाओं के अंतिम संस्कार कर रही टीम के इंचार्ज एवं नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान प्रवीन कुमार को ही 3 घंटे तक बेड नहीं मिला।

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बीमार प्रवीन को लेकर उनके परिजन 3 घंटे तक उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक लेकर भटकते रहे। मेयर से लेकर कमिश्नर और सीएमओ तक से प्रवीन के साथियों ने बेड की गुहार लगाई। इसके बाद कमिश्नर के प्रयास से तोशाम रोड क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में बेड मिल पाया। उनका ऑक्सीजन लेवल 40 तक पहुंच गया था और उनके साथियों का कहना था कि चिकित्सक ने कहा मैं अपना काम कर रहा हूं। आप भी भगवान से प्रार्थना करें। यानि प्रधान की स्थिति गंभीर है। और इसके कुछ देर बात रात को उन्‍होंने दम तोड़ दिया।

जानें कौन है प्रवीन प्रधान

हिसार शहर की सफाई व्यवस्था संभाल रहे सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान है प्रवीन कुमार। करीब 700 सफाई कर्मचारियों की कमान संभाल रहे है। शहर के पॉवरफुल लोगों में से एक है प्रवीन प्रधान। उनके एक इशारे में पूरे शहर की सफाई व्यवस्था पर ब्रेक लग जाता है। नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान होने के बावजूद उन्होंने कोरोना के कारण मरने वालों के अंतिम संस्कार की 12 अप्रैल 2020 से कमान संभाली हुई है। एक साल से अधिक समय से अपनी टीम सदस्यों के साथ मिलकर कोरोना के कारण जान गंवाने वाले 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुके है। इसके अलावा अंतिम संस्कार पर मिलने वाली राशि का अधिकांश हिस्सा दान देने से लेकर जरुरतमंद की मदद के लिए खर्च कर चुके है। अब वे स्वयं कोरोना पॉजिटिव आए तो हालत गंभीर है।

इलाज के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक सड़क पर भटका परिवार

प्रवीन के भाई पवन और यूनियन पदाधिकारी राजेश बागड़ी ने बताया कि रविवार को बीमार प्रवीन प्रधान को परिजन इलाज के लिए 3 घंटे से अधिक समय तक एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल तक लेकर भटकते रहे। सीएमसी, आधार, सुखदा और जिंदल अस्पताल तक में पहुंचे लेकर उचित इलाज के लिए बेड नहीं मिला। आखिरकार मेयर व कमिश्नर ने फोन किए तो कमिश्नर के प्रयास से महात्मा गांधी अस्पताल में प्रधान को बेड मिला पाया।

पॉवरफुल के लिए बेड नहीं है तो आम कोरोना योद्धाओं का क्या हाल होता होगा -बागड़ी

नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के मुख्य संगठनकर्ता राजेश बागड़ी ने कहा प्रवीन प्रधान कोई आम आदमी नहीं है। वे सैंकड़ों कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते है और जिस कारण वह एक पॉवरफुल शक्स है। जब उनके परिजनों को ही उनके इलाज के लिए 3 घंटे से अधिक समय तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकना पड़ रहा है तो आम कोरोना योद्धा को कोरोना होने पर जीवन सुरक्षा राम भरोसे ही है। हमें तो आम कोरोना योद्धाओं को इलाज मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। हमारी सुरक्षा के लिए सरकार तैयार नहीं है। हमें काम के लिए तो कोरोना योद्धा कहकर सड़क पर उतार दिया लेकिन हमारी संभाल करने वाला कोई नहीं है।


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