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Pollution New: सिरसा में अभी नहीं सुधरा प्रदूषण के स्तर, एयर क्वालिटी इंडेक्स 307 तक पहुंचा, समस्याएं बढ़ी

सिरसा के किसानों ने धान की 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की थी। अभी 90 प्रतिशत पराली का कटाई कढ़ाई का कार्य पूरा हो चुका है। किसान गेहूं की बिजाई करने में लगे हुए हैं। पराली का कई किसान प्रबंध कर रहे हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 10:04 AM (IST)
Pollution New: सिरसा में अभी नहीं सुधरा प्रदूषण के स्तर, एयर क्वालिटी इंडेक्स 307 तक पहुंचा, समस्याएं बढ़ी
प्रदूषण स्तर दीपावली पर्व पर आतिशबाजी करने व पराली जलाने से बढ़ा।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में हवा में अभी कुछ सुधार नहीं हुआ है जिससे प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 307 तक पहुंचा हुआ है। वहीं पीएम 10 का स्तर 307 व पीएम 2.5 का स्तर 245 तक पहुंच गया। प्रदूषण दीपावली पर्व पर आतिशबाजी करने व पराली जलाने से बढ़ा है

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घुट रहा दम

पराली के धुआं से अभी भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। प्रदूषण के कारण लोगों का दम घुट रहा है। दिवाली के बाद आसमान में धूल के कारण गुबार छाया हुआ है। इससे सूर्य भी देरी से दिखाई देता है। वायु की गुणवत्ता खराब होने से सांस लेने में परेशानी आ रही है। वहीं लोगों की आंखों में जलन हो रही है। बुजुर्गों और बच्चों की हालत और भी खराब हो रही है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो स्मॉग की इस परत में अलग अलग प्रदूषक कण है। इनमें छोटे कण सांस से अंदर जाने से सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है।  

कोहरे के मेल से बनता है स्माग  

स्माग खतरनाक गैसों और कोहरे के मिलने से बनता है। वाहनों, पराली व कूड़े की आग से निकले धुएं, पटाखों के धुआं व फैक्ट्रियों से निकले धुआं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाईआक्साइड व अन्य खतरनाक गैस होती है। जब यह कोहरे के संपर्क में आती तो स्माग बनता है। यह बारिश के आने व तेज हवा से ही खत्म होता है।  

किसान रात्रि के समय जला रहे हैं पराली

जिले में किसानों ने धान की 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की थी। अभी 90 प्रतिशत पराली का कटाई कढ़ाई का कार्य पूरा हो चुका है। किसान गेहूं की बिजाई करने में लगे हुए हैं। पराली का कई किसान प्रबंध कर रहे हैं। मगर कई पराली के आग लगा रहे हैं। खेतों में रात्रि के समय पराली के ज्यादा आग लगाई जा रहा है। जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा।


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