Hisar Pollution: शहर में अलग अलग स्थानों पर धधक रही आग, धुएं में उड़ रहे प्रशासन के दावे
हिसार में सर्वाधिक एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिकतम 500 तक पहुंच गया था और शनिवार को पीएम 2.5 अधिकतम 435 दर्ज किया गया। इसके बावजूद हिसार में कई स्थानों पर आग धधकती दिखाई दी। शहर में खुले कचरे में ही आग लगाई जा रही है।
हिसार, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण को लेकर हेल्थ इमरजेंसी जैसे प्रदेश में हालात बन रहे हैं। इसके बावजूद भी कोई सबक लेने को तैयार नहीं दिख रहा है। हाल यह है कि प्रदेश में धधक रही है आग और उड़ रहा धुंआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 10 दिनों से प्रदेश में वायु काफी खराब है। इसको लेकर सख्त कदम उठाने का दावा किया जा रहा है मगर हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पराली जलाने के मामलों में शुरुआत से ही नियंत्रण करने में सिस्टम फेल रहा।
बढ़ते प्रदूषण पर चुपी साधे हुए प्रशासन
वहीं शहरों में क्रशर, निर्माण तो दूर की बात है खुलेआम कचरे में आग लगाई जा रही है। इसको देखने वाला तक कोई नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ग्रैप सब कमेटी ने प्रदूषण को बढ़ावा देने वालों पर कार्रवाई का अधिकार दिया है मगर फिर भी सभी मौन दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि शनिवार को प्रदेश में 22 स्थानों पर वायु प्रदूषण काफी अधिक था। जिसमें छह स्थानों पर वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, आठ स्थानों पर वायु अधिक खराब और आठ स्थानों पर खराब हवा बह रही है।
शहर में अलग अलग स्थानों पर लगी है आग
500 तक पहुंच गया था एयर क्वालिटी इंडेक्स
एक दिन पहले हिसार में सर्वाधिक एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिकतम 500 तक पहुंच गया था और शनिवार को पीएम 2.5 अधिकतम 435 दर्ज किया गया। इसके बावजूद हिसार में कई स्थानों पर आग धधकती दिखाई दी। शहर में खुले कचरे में ही आग लगाई जा रही है। प्रदेश में पराली ही नहीं बल्कि म्युनिसिपल वेस्ट के कचरे में आग से भी वायु प्रदूषण काफी फैल रहा है। इसको लेकर नगर निगम कोई खास कार्रवाई करती नहीं दिख रही हैं।
धुएं में उड़े रहे प्रशासन के दावे
पराली ही नहीं यह कारण भी हैं प्रदूषण बढ़ने के
1. म्यूनसिपल सोलिड वेस्ट : एक आदमी 300 से 500 ग्राम सोलिड वेस्ट जनरेट करता है। हिसार की आबादी पांच लाख है। इस हिसाब से 150 से 200 टन रोजाना कचरा निकलता है। हरियाणा की तीन करोड़ आबादी है। इस हिसाब से इतने टन कचरे का निस्तारण करने की हमारे पास कोई बड़ी योजना नहीं है। कचरे को बड़े पैमाने पर जलाया जाता है। दीपावली पर यह कचरा दोगुना हो जाता है। इस कचरे में प्लास्टिक भी होता है जिसके जलने से डाइ आक्सीन, फ्यूरेन, बैनजीन, टोलीन, इथाइल बैनजीन, वन हिगजेन, कार्बन मोनोआक्साईड, कार्बन डाई आक्सइड, नाइट्रो आक्साइड और जहरीले कण निकलते हैं।
2 पराली : देश में 350 मिलियन टन फसल अवशेष निकलते हैं। इन अवशेषों में धान 40, गेहूं 22, गन्ना 20 और कपास अवशेषों की मात्रा आठ फीसद है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 100 मिलियन टन फसल अवशेष जलाते हैं। इन अवशेषों को जलाने से 1.5 मीट्रिक टन कार्बन मोनोआक्साइड, 141 मीट्रिक टन कार्बन डाइआक्साइड, .03 मीट्रिक टन सल्फर डाई आक्साइड, .23 मीट्रिक टन नाइट्रो आक्साइड, .12 मीट्रिक टन अमोनिया, 1.46 मीट्रिक टन नोन मैटेलिक हाइड्रो आर्गेनिक कंपाउंड और 1.21 मीट्रिक टन हवा में कण निकलते हैं।
3. वाहन : हरियाणा में 2010 में रजिस्ट्रड वाहनों की संख्या 47 लाख थी जो 2015 में बढ़कर 80 लाख हो गई। 2019 में 86 लाख वाहन हो गए। यानि दस साल में वाहनाें की संख्या डबल हो गई। इसके कारण वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। पेट्रोल व डीजल जलने से हानिकारण गैसें निकलते हैं। इससे ओजोन लेवल बढ़ता है। अब ओजोन लेवल 28 फीसद है जो बेहद खतरनाक है इस ओजोन लेवल को एक या दो फीसद होना चाहिए।
4- उद्योग : हरियाणा में इंडस्ट्रीज भी पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा ईंट भट्टे, र्थमल पावर प्लांट जो दिन रात चलते हैं इनसे धुआं निकलता है। सरकार को इन पर नियंत्रण रखना चाहिए। खासकर ऐसे मौसम में जब नमी अधिक हो और तापमान कम हो।
इन स्थानों पर गंभीर वायु प्रदूषण
धारूहेड़ा- 453
गुरुग्राम- 441
फरीदाबाद- 423
बहादुरगढ़- 416
मानेसर- 414
जींद- 406
इन स्थानों पर वायु काफी खराब
बल्लभगढ़- 383
चरखी दादरी- 343
भिवानी- 334
हिसार- 371
नारनौल- 304
पानीपत- 303
रोहतक- 389
सोनीपत- 324
इन जिलों में वायु प्रदूषण का ओरेंज अलर्ट
सिरसा- 281
अंबाला- 279
यमुनानगर- 274
फतेहाबाद- 299
कैथल- 282
करनाल- 254
कुरुक्षेत्र- 267
पलवल- 266