खतरनाक स्थिति की ओर जा रहा प्रदूषण का स्तर, सांस लेने लायक नहीं रोहतक की हवा
शहर में सुबह 10 बजे एक्यूआइ 323 रहा। वायु प्रदूषण का यह आलम अल सुबह भी रह रहा है। जोकि सुबह की सैर को निकले लोगों की सेहत के लिए भी खतरनाक है। शहर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर का अधिक होना यहां चल रहे निर्माण कार्य भी हैं।
हिसार/रोहतक, जेएनएन । शहर की हवा लगातार खराब हो रही है। वायु प्रदूषण चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। शनिवार सुबह 10 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ या वायु गुणवत्ता सूचकांक) बेहद खराब स्थिति में रहा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार इस वक्त तक शहर में 323 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर एक्यूआइ पाया गया। मुख्य प्रदूषक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मात्रा सामान्य से पांच गुना हो गई है।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषकों का अचानक बढ़ जाने का प्रमुख कारण मौसम में बदली परिस्थितियां भी हैं। इन दिनों एटमोसफेरिक इनवरशन के कारण प्रदूषकों की ऊपर की ओर गति नहीं मिल पाती। जिससे बहुत की कम ऊंचाई पर प्रदूषक तैरते रहते हैं। वायु प्रदूषण का यह आलम अल सुबह भी रह रहा है। जोकि, सुबह की सैर को निकले लोगों की सेहत के लिए भी खतरनाक है। शहर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर का अधिक होना यहां चल रहे निर्माण कार्य भी हैं। रेलवे एलिवेटेड ट्रैक, कच्चा बेरी रोड एलिवेटेड रोड, शीला बाइपास ओवरब्रिज, पावर हाउस के पास चल रहे निर्माण कार्य से पार्टिकुलेट मैटर बहुत अधिक मात्रा में हवा में शामिल हो रहा है। वहीं वर्टिकल इनवरशन से बनी परिस्थितियों इसके संपर्क में आने का खतरा भी ज्यादा बना हुआ है।
रोहतक में यह रही प्रदूषकों की स्थिति
एनओटू (नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड) की मात्रा 139, एसओटू(सल्फर डाइ ऑक्साइड) की 25, सीओ (कार्बन मोनो ऑक्साइड) की 103 और पीएम 2.5 की मात्रा 468 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में दर्ज किए गए हैं।
ऐसे समझें वायु गुणवत्ता सूचकांक को
इसके तहत कार्बन मोनो ऑक्साइड, अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड समेत 10 तरह के प्रदूषकों की मात्रा मापी जाती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 तक अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 100 से 200 तक सामान्य प्रदूषित, 201 से 300 तक खराब माना जाता है। 300 से ऊपर वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचने का मतलब है कि शहर की हवा में प्रदूषण खतरे के स्तर को पार कर चुका है।