हिसार जिले में 2.19 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो ड्रॉप्स, बस तारीख भूल न जाना
उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने दिए अधिकारियों को निर्देश। 10 फरवरी को 5.5 लाख बच्चों को पेट के कीड़ों को मारने वाली गोली खिलाई जाएगी।
हिसार, जेएनएन। हिसार जिले में 19 जनवरी को पोलियो उन्मूलन अभियान के तहत जिला के 5 वर्ष आयु तक के 2.19 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। वहीं 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिला के 5.5 लाख बच्चों को पेट के कीड़ों को मारने वाली गोली खिलाई जाएगी। उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने यह निर्देश जिला सभागार में जिला टास्क फोर्स की मीटिंग में सघन पोलियो उन्मूलन अभियान, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस तथा इंटीग्रेटिड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए दिए। इन अभियानों की सफलता के संबंध में सभी विभागों के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
जिले में पिछले 108 महीने से पोलियो का कोई केस नहीं
जिले में पिछले 108 माह में भारत में कोई भी पोलिया का केस नहीं मिला है। परंतु भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में वर्ष 2019 में क्रमश: 101 व 24 पोलियो केस सामने आए हैं। इससे भारत में पोलियो वायरस आने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी के चलते भारत में पोलियो उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। जिला में सघन पोलियो उन्मूलन अभियान के तहत 19 जनवरी को बूथों पर तथा 21 व 22 जनवरी को घर-घर जाकर 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी।
शिक्षा अधिकारियों को सहयोग करने के निर्देश
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी सरकारी, निजी व प्ले स्कूलों में पोलियो टीम की सुपरवाइजर के साथ सहयोग करते हुए बच्चों को पोलियो खुराक पिलवाएं। उन्होंने सभी अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने 5 वर्ष तक के बच्चों को नजदीकी बूथों पर ले जाकर पोलियो की खुराक अवश्य पिलवाएं।
पोलियो अभियान के लिए यह बूथ व टीमें बनाई
बूथ - सदस्य
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फिक्स बूथ - 890 बूथ - चार सदस्यीय
ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फिक्स बूथ - 71 बूथ - दो सदस्यीय
मोबाइल टीम - 115
ट्रांजिट टीम - 67
आशा वर्कर्स व एएनएम बीमारियों के बारे में देंगी जानकारी
उपायुक्त ने बताया कि एलबेंडाजोल की टेबलेट खाने से वंचित रहे बच्चों को यह दवा 17 फरवरी को खिलाई जाएगी। इंटीग्रेटिड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि गांव स्तर पर नियुक्त आशा वर्कर्स व एएनएम के माध्यम से यह जागरूकता पैदा की जाए कि यदि कहीं किसी बीमार व्यक्ति के संबंध में सूचना मिलती है तो उसकी जानकारी आशा व एएनएम के माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जाए। ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बीमारियों से बचाव व साफ-सफाई के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में डिप्टी सिविल सर्जन डा. जितेंद्र शर्मा, डा. अर्चना सहगल, डा. सुशील गर्ग, एसएमओ डा. परमजीत, नोडल ऑफिसर डा. तरुण, डा. सुभाष खटरेजा, डा. अरुणा, डा. रेखा, डॉ. मुकेश, डा. यशपाल, डा. कामित व डीएफएससी सुभाष सिहाग, जयवीर ङ्क्षसह, डीईईओ चंद्रकलां, अनिता ङ्क्षसगला व एसडीओ दीपक कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।