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रोहतक में अधिवक्ता के साथ पुलिस ने की मारपीट, विरोध में अधिवक्ताओं ने किया वर्क सस्पेंड

अधिवक्ता राज सिंह बुधवार वीरवार को किसी मामले को लेकर शिवाजी कालोनी थाने में गए थे। अधिवक्ता का आरोप है कि जिस समय वह पुलिसकर्मियों से बातचीत कर रहे थे तभी उनके साथ गाली-गलौच शुरू कर दी गई। विरोध करने पर उनके साथ हाथापाई और मारपीट तक की गई।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 11:24 AM (IST)
रोहतक में अधिवक्ता के साथ पुलिस ने की मारपीट, विरोध में अधिवक्ताओं ने किया वर्क सस्पेंड
रोहतक में अधिवक्ता राज सिंह बुधवार का आरोप, एसएचओ और अन्य पुलिसकर्मियों ने की अभद्रता

जागरण संवाददाता, रोहतक : शिवाजी कालोनी थाने में किसी मामले को लेकर गए बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ पुलिस ने हाथापाई कर दी। आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट भी की, जिसमें उन्हें चोट आई है। घटना के विरोध में जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को वर्क सस्पेंड कर दिया। जिसके चलते दिन भर किसी भी मामले की सुनवाई नहीं होगी।

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दरअसल, अधिवक्ता राज सिंह बुधवार वीरवार को किसी मामले को लेकर शिवाजी कालोनी थाने में गए थे। अधिवक्ता का आरोप है कि जिस समय वह पुलिसकर्मियों से बातचीत कर रहे थे, तभी उनके साथ गाली-गलौच शुरू कर दी गई। विरोध करने पर उनके साथ हाथापाई और मारपीट तक की गई। इस घटना के बाद अधिवक्ता को धमकी देकर थाने से बाहर कर दिया। अधिवक्ता ने इस बारे में अपने साथियों को बताया, जिसके बाद मामला तूृल पकड़ गया। देर रात जिला बार एसोसिएशन की तरफ से आह्वान कर दिया गया कि शुक्रवार को वर्क सस्पेंड कर दिया। सुबह होते ही सभी अधिवक्ता कोर्ट के सामने वर्क सस्पेंड पर बैठ गए।

अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर कहा कि पुलिस की इस तरह की गुंडागर्दी बर्दास्त नहीं की जाएगी। इस मामले को लेकर पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की जाएगी। अधिवक्ताओं ने एसएचओ को हटाने की भी मांग की। चेतावनी दी कि जरूरत पड़ी तो वर्क सस्पेंड को आगे भी बढ़ाया जाएगा। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव दीपक हुड्डा ने बताया कि इससे पहले भी पुलिस कई बार अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता कर चुकी है। इस बार किसी भी हालत में मामले को शांत नहीं किया जाएगा।

पहले भी हो चुका है अधिवक्ताओं से विवाद

अधिवक्ताओं से विवाद का यह पहला मामला नहीं है। कुछ माह पहले सड़क से वाहन उठाने वाली क्रेन को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। आरोप था कि ठेकेदार जान-बूझकर अधिवक्ताओं की गाड़ियों को उठाता है, जिसके एवज में 500 रुपये लेकर गाड़ी को छोड़ा जाता है। यहां तक कि अधिवक्ताओं ने ठेकेदार की क्रेन को भी अपने कब्जे में ले लिया था, जो कई दिनों तक बार परिसर में खड़ी रही थी। आखिर में पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया था।


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