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सुप्रभात : कड़ाके की ठंड में भी कम नहीं उत्साह

कडाके की ठंड में भी लोग पार्क में सुबह सवेरे सैर के लिए लोग आ रहे हैं। हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा यह संख्या कम है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 03:58 PM (IST)
सुप्रभात : कड़ाके की ठंड में भी कम नहीं उत्साह
सुप्रभात : कड़ाके की ठंड में भी कम नहीं उत्साह

सुधीर आर्य, सिरसा : सुबह पांच बजे। तापमान पांच डिग्री के करीब। चौधरी देवीलाल टाउन पार्क में सुबह सवेरे सैर के लिए लोग आ रहे हैं। हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा यह संख्या काफी कम है लेकिन फिर भी पांच बजे ही पार्क में सैर करने वाले इक्का-दुक्का लोगों का नजर सेहत के प्रति उनका जुनून और मार्निंग वॉक के प्रति प्रतिबद्धता को जताने के लिए काफी है। आधे घंटे के अंतराल में ही पार्क में राम-राम और नमस्कार का अभिवादन सुनने को मिलता है। इस दौरान कुछ महिलाएं भी पार्क में सैर करने पहुंचती हैं। सैर करने वालों में ज्यादा संख्या बुजुर्गों की नजर आई। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया पार्क में चहल-पहल बढ़ गई। ठंड की वजह से पार्क से बच्चे दूर रहे वरना इस पार्क में तो सुबह ही झूलों पर बच्चे नजर आते हैं। कड़ाके की ठंड में बच्चों को झूले से दूर कर रखा है।

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पार्क में ही मिला रैन बसेरा

कड़ाके की ठंड के कारण जिला प्रशासन बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था कर रखा है। एक रैन बसेरा नगर परिषद की ओर से डीसी पार्क के पास बनाया गया है। यहां रैन बसेरा में अच्छा प्रबंध है लेकिन बहुत से लोग वहां नहीं पहुंच पाते। इसके बाद बस अड्डे में रैन बसेरा के लिए अस्थाई बस लगाई गई। इस बस में भी वे यात्री आराम करते हैं जिन्हें सुबह की बस पकडऩी होती है लेकिन गांव से आकर बस नहीं पकड़ पाते। अब उपायुक्त ने टाउन पार्क की पार्किंग में बस खड़ी करा दी है जिस पर अस्थाई रैन बसेरा लिखा गया है। सुबह-सवेरे जब लोग पार्क में आए तो उन्हें यहां बस खड़ी दिखी। पहले सोचा कि बस रुकी होगी लेकिन अस्थाई रैन बसेरा देख बोले कम से कम किसी की जान तो बचेगी। ठंड से मौत तो नहीं होगी।

स्टेडियम में जॉगिंग करने वालों के हौसले हुए नहीं कम

स्टेडियम में पांच बजे ही जॉगिंग करने वाले पहुंचते हैं। कोई धीमी गति से तो कोई तेज चाल चलता है। जॉगिंग करने वाले इन्हीं लोगों में वीआइपी भी हैं लेकिन सबका समय अलग-अलग है। यहां अभिवादन कम बल्कि स्टेडियम के चारों ओर चक्कर लगाने पर जोर अधिक रहता है। आपसी बातचीत भी कम ही करते हैं। वरिष्ठ नागरिक लालचंद गोदारा यहां सैर करते हुए जयहिंद के नारे के साथ दूसरों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। वे बताते हैं कि ठंड की वजह से आधे से भी कम लोग स्टेडियम आ रहे हैं वरना स्टेडियम में मेले जैसा माहौल होता है। सुबह की बजाय शाम को ज्यादा लोग आ रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि मौसम को देखते हुए ठंड में चिकित्सक भी सुबह की सैर से बचने की सलाह देते हैंइस वजह से अनेक लोग नहीं पहुंचते।

सचिवालय के बाहर पक्षियों की चहचाहट वातावरण को बनाती है खुशनुमा

सुप्रभात में लघु सचिवालय की छटा भी अलग है। यहां तीन पार्क हैं। कम ही लोग इन पार्कों में घूमते हैं लेकिन पक्षियों का यह रैन बसेरा है। यहां पक्षियों को दाना डालने वाले सुबह ही पहुंचते हैं। जिसकी वजह से यहां पक्षियों की संख्या अधिक रहती है। कबूतर और चिडिय़ा की चहचाहट मौसम को और अधिक आनंदमय बना देती है। तीनों ही पार्कों के आसपास कई लोग दाना डालते हैं और तीनों ही पार्कों में पक्षियों की अच्छी खासी संख्या सुबह सबेरे ही देखने को मिलती है। कलरव करतीं पक्षियां यहां लोगों के मन को बहुत भाती हैं। यहां आकर लोगों को एक तरह से आनंद की अनुभूति होती है। हनुमान प्रसाद ने बताया कि पक्षियों का संसार भी निराला है। तय समय पर घोसले से  निकल जाती हैं। इनको देख कर दिल को काफी सुकून मिलता है।


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