फतेहाबाद में शीतलहर ने छुड़ाई कंपकंपी, घरों में दुबके लोग, कल से दो दिन बारिश
शनिवार सुबह से ही तेज हवा चल रही है। शुक्रवार को ही हवा का रूख पश्चिम से पूर्व की दिशा हो गया था। यहीं कारण था कि मौसम में परिवर्तन आ गया। शनिवार सुबह से बादल छाने के कारण सूरज भी नहीं निकला। सुबह हल्की धुंध भी थी।
हिसार/फतेहाबाद, जेएनएन। पश्चिमी विक्षोभ का असर शनिवार को देखने को मिला। सुबह से 13 किलोमीटर प्रति घंटे से तेज हवा चल रही है। धूप न निकलने के कारण यह तेज हवा शीतलहर का रूप ले लिया। इस कारण सड़कों पर लोगों की संख्या भी कम दिखी। शनिवार को अवकाश होने के कारण अधिकतर लोग घरों में ही दूबके रहे। वही शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को तापमान में गिरावट भी आई। शनिवार को को अधिकतम तापमान 19 डिग्री व न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ऐसे में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है।
शनिवार सुबह से ही तेज हवा चल रही है। शुक्रवार को ही हवा का रूख पश्चिम से पूर्व की दिशा हो गया था। यहीं कारण था कि मौसम में परिवर्तन आ गया। शनिवार सुबह से बादल छाने के कारण सूरज भी नहीं निकला। वहीं सुबह के समय हल्की धुंध भी थी। लेकिन हवा के कारण यह धुंध कुछ समय बाद ही उड़ गई।
आगे कैसा रहेगा तापमान
मौसम विशेषज्ञ पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखने की बात कह रहे है। ऐसे में रविवार को जिले में बरसात हो सकती है। वहीं 27 जनवरी तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। पिछले साल फरवरी महीने में बरसात हुई। अगर इस समय बरसात हो गई तो फसलों को फायदा होगा। वहीं ठंड भी कुछ दिनों के लिए बढ़ जाएगी। मौसम विशेषज्ञों की माने तो 28 जनवरी के बाद फिर से लोगों को धुंध का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं किसान
गांव बड़ोपल के किसान रमेश कुमार, रामस्वरूप, रामकुमार, भूप सिंह व महेंद्र सिंह ने बताया कि वैसे यह मौसम फसलों के लिए फायदेमंद है। लेकिन बरसात होगी तो फायदा होगा। अगर ओलावृष्टि हो गई तो नुकसान अधिक होगा। इस समय सरसों की फसलों में फली आनी शुरू हो गई है। अगर तेज बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई तो नुकसान होगा। किसानों ने बताया कि बरसात होने के बाद मौसम भी साफ होना चाहिए। नहीं तो सरसों व गेहूं की फसलों में चैपा बीमारी का प्रकोप भी आ सकता है।
मौसम के अनुसार फसलों की सिंचाई करें किसान
अगले दो दिनों तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। ऐसे में बरसात होने की संभावना है। शनिवार सुबह से तेज हवा चल रही है। इससे ठंड भी बढ़ी है। किसान मौसम को देखकर फसलों में सिंचाई करें। वहीं सरसों की फसलों में मौसम साफ होने के बाद ही सिंचाई करे। अगर बरसात हो गई तो सरसों की फसलों पर नुकसान हो सकता है। ऐसे में किसान मौसम का ध्यान रखे। वहीं कीटनाशक का छिड़काव भी रोक दे।
- डा. भीम सिंह, एसडीएम, कृषि विभाग, फतेहाबाद।