आंदोलन स्थल पर खुली कोरोना वैक्सीनेशन की राह, कुछ किसानों के आगे आने से अब तेज हो सकती है मुहिम
आंदोलन स्थल पर कोरोना वैक्सीनेशन की राह अब खुल गई है। कुछ किसानों के आगे आने और अब बाकी किसानों की ओर से भी सहयोग की संभावना के चलते उम्मीद की जा रही है आंदोलनकारी वैक्सीनेशन अभियान को यहां पर गति देने में सहयोगी बनेंगे।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कई दिनों की कोशिश के बाद आंदोलन स्थल पर कोरोना वैक्सीनेशन की राह अब खुल गई है। कुछ किसानों के आगे आने और अब बाकी किसानों की ओर से भी सहयोग की संभावना के चलते उम्मीद की जा रही है आंदोलनकारी वैक्सीनेशन अभियान को यहां पर गति देने में सहयोगी बनेंगे। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जब तक सभी किसान इसके लिए तैयार नहीं होते, तब तक यह मुहिम सफल अंजाम तक नहीं पहुंच पाएगी। यहां पर जो भी पात्र हैं उन सभी को वैक्सीन लगवानी होगी, जिससे की कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना न रहे।
एक मई से 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों के लिए यह वैक्सीन मुहैया होगी। ऐसे में आंदोलन स्थल पर तो कम से कम ऐसा कोई नहीं होगा जो 18 साल से कम हो और निरंतर यहां पर डटा हो। यदि कुछ किसान भी वैक्सीन से परहेज करते हैं, तो फिर उनके जरिये संक्रमण के फैलाव की संभावना बनी रहेगी, क्योंकि रोजाना काफी संख्या में किसान पंजाब जाते हैं और उतने ही किसान वापस ट्रेन से यहां पहुंचते हैं।
अब तो वैसे भी कई दिनों से संयुक्त मोर्चा के नेताओं की ओर से पंजाब में गए किसानों को वापस धरना स्थलों पर बुलाया जा रहा है। कई दिनों से अपील की जा रही है। उधर, अभी भी बहुत से आंदोलनकारी ऐेसे हैं जो कोरोना को कुछ नहीं मान रहे हैं और इससे अपने आप ही बचे रहने का कुतर्क दे रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह राहतकारी बात है कि कम से कम आंदोलन स्थल पर वैक्सीनेशन की शुरूआत तो हुई।