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मुसाफिरों ने रैन बसेरा से बनाई दूरी, बस स्टैंड पर सोने को मजबूर

जागरण संवाददाता हिसार सड़क पर रात गुजारने वाले बेघर और गरीब मुसाफिरों को नगर ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 02:29 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:11 AM (IST)
मुसाफिरों ने रैन बसेरा से बनाई दूरी, बस स्टैंड पर सोने को मजबूर
मुसाफिरों ने रैन बसेरा से बनाई दूरी, बस स्टैंड पर सोने को मजबूर

जागरण संवाददाता, हिसार : सड़क पर रात गुजारने वाले बेघर और गरीब मुसाफिरों को नगर निगम का रैन बसेरा रास नहीं आ रहा है। बस स्टैंड से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जगजीवन में बने रैन बसेरे पर आने की बजाय मुसाफिर बस स्टैंड पर ही रात गुजारना पसंद कर रहे हैं। इस बारे में जब बस स्टैंड पर रात गुजार रहे मुसाफिरों से बातचीत की गई तो किसी ने कहा कि हमें रैन बसेरे के बारे में पता नहीं है। वहीं एक ने कहा कि वह दूर है। रास्ता सुनसान है उसमें लूट की घटना भी हो सकती है। ऐसे में कोई रात को डर के मारे रैन बसेरे में नहीं पहुंच रहा तो किसी को उसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में नगर निगम की ओर से 50 लाख रुपये खर्च कर बना रैन बसेरा इन दिनों मुसाफिरों की पंसद नहीं बन पाया है।

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रात को रैन बसेरे का निरीक्षण किया तो वहां अव्यवस्थाएं मिलीं। कमरों में रात को लाइट का प्रबंध नहीं था। वहीं बिस्तर भी नहीं बिछाए हुए थे। इस बार में जब वहां मौजूद चौकीदार से बातचीत की गई तो उसने कहा कि लाइट का प्रबंध तो नहीं हुआ है। लेकिन बिस्तर रखे हुए हैं यदि कोई रात को आया तो उसे बिस्तर मुहैया करवाएंगे।

दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन के नजदीक बनी शिव धर्मशाला में रेडक्रॉस की तरफ से रैन बसेरा बनाया गया है। इसमें 15 बिस्तर लगाए गए हैं, जिस पर 11 लोग मौजूद थे। वहां पर रहने के लिए बिस्तर मौजूद हैं। रेडक्रॉस की तरफ से काफी समय से बनाए जा रहे इस रैन बसेरे में भी मुसाफिर नहीं जाते हैं। वहां पर अधिकतर भगवाधारी बुजुर्ग सो रहे र्है। ट्रेन से सफर करने वाले स्टेशन पर ही रात काटने को मजबूर हैं।

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बस स्टैंड पर नहीं कोई व्यवस्था

रोडवेज प्रशासन की तरफ से बस अड्डे पर रात को रुकवाने मुसाफिरों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। वह रात को खुले में ही सोने को मजबूर हैं। प्रशासन की तरफ से रैन बसेरे भी इतनी दूर बनाए हैं कि वहां जाने पर हर समय हादसे का डर बना रहता है।


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