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जान जाती है तो जाए, पर ट्रेन में सीट मिल जाए, जान जोखिम में डाल यात्री ट्रेन में सफर करने को मजबूर

जान की परवाह किए बगैर ट्रेन में सीट पाने को उतावले यात्री। रेलवे अधीक्षक के कार्यालय के आगे ही यात्री गलत तरीके से करते हैं ट्रैक क्रॉस।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 01:58 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 01:58 PM (IST)
जान जाती है तो जाए, पर ट्रेन में सीट मिल जाए, जान जोखिम में डाल यात्री ट्रेन में सफर करने को मजबूर
जान जाती है तो जाए, पर ट्रेन में सीट मिल जाए, जान जोखिम में डाल यात्री ट्रेन में सफर करने को मजबूर

जेएनएन, हिसार : हिसार रेलवे स्टेशन पर बढ़ती यात्रियों की संख्या के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उसमें से प्रमुख समस्या है यात्रियों का गलत तरीके से रेलगाड़ी में चढऩा। प्रतिदिन तीन से चार हजार यात्री इस स्टेशन से अपने गंतव्य तक ट्रेन में यात्रा करते हैं। रेलगाड़ी जब ट्रैक पर आती है तो आधे यात्री प्लेटफॉर्म पर और आधे प्लेटफॉर्म के विपरीत ट्रैक पर खड़े हो जाते हैं जिससे वे ट्रेन में पहले चढ़कर सीट हासिल कर सकें। ट्रैक के दोनों तरफ से यात्रियों की भीड़ ट्रेन में चढ़ती है। कभी-कभी तो लोग रेल रुकने से पहले ही उसमें चढ़ जाते हैं। ऐसे में ट्रेन में चढ़ते समय किसी का भी हाथ-पांव फिसल जाए तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। ट्रैक के विपरीत दिशा से ट्रेन में चढऩे वाले यात्री अपनी जान की परवाह किए बिना हर रोज ऐसा करते हैं। यह नजारा दोपहर के 12 बजे से 2 बजे तक स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों में देखा जा सकता है। मुख्यत: लुधियाना-रेवाड़ी पैसेंजर वाया हिसार और करीबन एक बजे बठिंडा से लुधियाना जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की संख्या अधिक होती है जिस कारण यात्री पहले सीट हासिल करने के चक्कर में गलत तरीके से ट्रेन में चढ़ते हैं।

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स्टेशन अधीक्षक कार्यालय के आगे ही होती है ट्रैस पार

लोग खासकर ट्रेन में जल्दी चढऩे व सीट पाने के लिए अक्सर ट्रैक के विपरीत दिशा से चढ़ते हैं। जिस कारण कई यात्रियों को ट्रेन में चढ़ते वक्त चोट भी लगती है। गौरतलब है कि स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ही स्टेशन का कार्यालय बना हुआ है जिसमें स्टेशन अधीक्षक का रुम भी है। कमरे के बिल्कुल सामने से यात्री प्लेटफॉर्म नंबर एक से कूदकर दो नंबर के ट्रैक पर खड़ी ट्रेन में दूसरी तरफ से चढ़ जाते हैं। दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए लोग फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल न करते हुए सीधा ट्रैक पर कूदकर प्लेटफॉर्म पार करते हैं।

महिलाएं भी नहीं पीछे

रेलगाड़ी में गलत तरीके से चढऩे में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। सीट के चक्कर में महिलाएं भी ट्रैक के दूसरी तरफ आकर खड़ी हो जाती हैंं। महिलाओं को कई बार चढ़ते वक्त ट्रैक पर गिरने से चोटें भी आई हैं परंतु फिर भी कोई मानने को तैयार नहीं।

प्रशासन बरते हुए है लापरवाही

बीते सोमवार को रेलवे बीकानेर मंडल से आए सीनियर सिक्योरिटी कमिश्नर पी. श्रीकुमार ने रेलवे स्टेशन का दौरा किया था। उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों को स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ाने को लेकर बातचीत भी की। जिसको लेकर आगे कार्य किया जाएगा। परंतु यात्रियों द्वारा गलत तरीके से ट्रेन में चढऩा कई दिनों से लगा हुआ है। जिस पर विभाग लापरवाही बरते हुए है। जीआरपी के एक-दो जवानों को छोड़कर गाड़ी आने के समय अन्य कोई रेलवे अधिकारी वहां उपस्थित नहीं होता।

एक बार में इतने सारे लोगों को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है। हम किस-किस को रोक सकते हैं। गलत तरीके से ट्रेन में चढऩे वाले यात्रियों को रोकना आरपीएफ का कार्य है। 

-केएल चौधरी, रेलवे स्टेशन अधीक्षक।

हम अपनी तरफ से लोगों को रोकने का प्रयास जारी रखते हैं। गश्त बढ़ा दी गई है। समय-समय पर चेकिंग की जा रही है।

-अनिल कुमार गौतम, एसआइ, आरपीएफ ।


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