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नियम 134ए के तहत दाखिला दिलवाने के लिए चक्कर काट रहे अभिभावक, इन स्कूलों में फंसा पेंच

नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में 20 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला दिया जाता हैं। इसके लिए छात्र परीक्षा भी दे चुके हैं और इसका रिजल्ट भी आ चुका है। बावजूद इसके छात्रों के अभिभावक स्कूलों के चक्कर काटने को मजबूर है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 05:27 PM (IST)
नियम 134ए के तहत दाखिला दिलवाने के लिए चक्कर काट रहे अभिभावक, इन स्कूलों में फंसा पेंच
हिसार में निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए अभिभावक चक्कर काटने को मजबूर।

जागरण संवाददाता, हिसार। निजी स्कूलों में नियम 134 ए के तहत फार्म भरने के बावजूद कई बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण बच्चों के अभिभावक कभी बीइओ, बीइइओ कार्यालय तो कभी डीसी के दफ्तर और कभी निजी स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके दाखिले नहीं हो पा रहे हैं। गौरतलब है कि नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में 20 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला दिया जाता हैं।

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इसके लिए सरकार ने नियम भी निर्धारित कर रखे हैं जिनमें इकोनामिकली वीकर सेक्शन और बीपीएल के तहत आने वाले गरीब बच्चों को निशुल्क दाखिला दिया जाता हैं। इसके लिए प्रत्येक निजी स्कूल में 20 प्रतिशत सीटें निर्धारित की गई हैं। नियम 134 के तहत दूसरी से 12वीं कक्षा में दाखिला लिया जा सकता हैं। लेकिन निजी स्कूलों ने भी इन नियम के तहत सरकार के सामने दो शर्त रखी हैं। मान्यता प्राप्त स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजपाल सिंधु ने बताया कि उनके संघ की तरफ से सरकार से मांग की गई हैं कि हुडा की जमीन पर जो स्कूल बने हैं। उनमें 10 फीसद दाखिले निशुल्क करने के लिए कहा गया हैं।

इस बात पर असमंजस

वहीं दूसरी और नियम 134ए के तहत भी 20 प्रतिशत सीटों पर दाखिल किए जाने होते हैं। ऐसे में सरकार इसे क्लीयर करें कि हुडा की जमीन पर जो स्कूल बने हैं। उनमें 10 प्रतिशत सीटें हुडा के नियम के तहत दी जाए या 20 प्रतिशत सीटें नियम 134 ए के तहत निर्धारित की जाए। संघ की तरफ से इस नियम को स्पष्ट करने की मांग की गई हैं। राजपाल सिंधु ने कहा कि साथ ही सरकार स्कूलों को जारी की जाने वाली फीस कब जारी करेगी, इस बारे में भी स्पष्ट करें। वहीं कोर्ट की तरफ से सरकार को स्कूलों में पर किसी तरह का दबाव ना डालने की बात कहीं गई थीं।


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