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Parali Probelm: हरियाणा की हवा हो सकती है दूषित, पंजाब में लगातार बढ़ रहे पराली जलाने के मामले

हरियाणा में करनाल और कुरुक्षेत्र तो पंजाब में अमृतसर और पटियाला में सबसे अधिक फसलें आग के हवाले की जा रही हैं। इस तरह से पंजाब की तरफ से हरियाणा की तरफ बहने वाली हवा हरियाणा के लोगों का दम फुला सकती है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 08:18 PM (IST)
Parali Probelm: हरियाणा की हवा हो सकती है दूषित, पंजाब में लगातार बढ़ रहे पराली जलाने के मामले
हरियाणा में 87 स्थानों पर आग की घटनाएं सेटेलाइट ने पकड़ी।

वैभव शर्मा, हिसार। पंजाब से आने वाली हवा हरियाणा के लोगों का दम फुला सकती है। इसकी पूरी-पूरी संभावना बनी हुई है। हालांकि पराली जलाने के मामलों में हरियाणा की स्थिति भी कोई खास अच्छी नहीं दिख रही है। सोमवार को हरियाणा में 87 स्थानों पर आग की घटनाएं सेटेलाइट ने पकड़ी थी तो अब मंगलवार को 78 स्थानों पर आग की घटनाएं सामने आईं। वहीं पंजाब में एक दिन पहले 77 घटनाएं थी जो एक दिन बाद 111 तक पहुंच गई हैं।

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हरियाणा में करनाल और कुरुक्षेत्र तो पंजाब में अमृतसर और पटियाला में सबसे अधिक फसलें आग के हवाले की जा रही हैं। इस तरह से पंजाब की तरफ से हरियाणा की तरफ बहने वाली हवा हरियाणा के लोगों का दम फुला सकती है। पहले भी देखा गया है कि पंजाब से आने वाली हवा जब स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण से मिली तो उसने हरियाणा में स्माग जैसे हालात बनाए। पर्यावरण विज्ञानियों को भी इसी बात की चिंता सता रही है।

पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की अधिकता

जिन स्थानों पर प्रदूषण अधिक है वहां हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 अधिक दर्ज किया जा रहा है। जो पराली के प्रदूषण, उद्योगों से निकलने वाले धुंए और वाहनों के धुंए से बढ़ता है। क्या है होता है कण प्रदूषण पीएम को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि आप नग्न आंखों से भी नहीं देख सकते। कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप का उपयोग करके पता लगाना पड़ता है। कण प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 शामिल हैं जो बहुत खतरनाक होते हैं। पीएम 2.5, 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम ही रहना चाहिए। पीएम 10 और 2.5 धूल, निर्माण की जगह पर धूल, कूड़ा व पुआल जलाने से ज्यादा बढ़ता है।

पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की अधिकता से स्वास्थ्य पर प्रभाव

जब इन कणों (पीएम 10 और पीएम 2.5 ) का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती हैं। पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण सांस लेते समय आपके फेफड़ों में चले जाते हैं जिससे खांसी और अस्थमा के दौरे पढ़ सकते हैं। उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक और भी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बन जाता है, इसके परिणामस्वरूप समय से पहले मृत्यु भी हो सकती है।

हरियाणा में कृषि क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं

अंबाला- 5, फतेहाबाद- 3, जींद- 2, कैथल- 11, करनाल- 27, कुरुक्षेत्र- 22, फरीदाबाद- 2, हिसार- 1, यमुनानगर- 5, कुल- 78

पंजाब में कृषि क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं

अमृतसर- 51, फिरोजपुर- 4, फतेहगढ़ साहिब- 2, होशियारपुर- 1, जालंधर- 1, बठिंडा- 2, कपूरथला- 2, गुरदासपुर- 5, जालंधर- 3, लुधियाना- 9, पटियाला- 18, संगरूर- 3, कुल - 111

आज का एयर क्वालिटी इंडेक्स

बहादुरगढ़- 213, बल्लभगढ़- 256, फरीदाबाद- 224, सोनीपत- 221, यमुनानगर- 213, 

नोट- वायु प्रदूषण माइक्राेग्राम प्रतिघन मीटर में है।


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