Pandit Jasraj News: एमडीयू में मानद उपाधि मिलने पर जब रोमांचित हो गए थे पंडित जसराज
रोहतक में मानद उपाधि मिलने के दौरान रोमांचित पंडित जसराज ने कहा था- जिंदगी में बहुत सारे सम्मान मिले हैं लेकिन घर में मिला सम्मान सबसे अहम होता है।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] पदम विभूषण, संगीत मार्तंड व विश्व के सैकड़ों प्रतिष्ठित अवार्ड पाने वाले विख्यात शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित जसराज की रोहतक से भी खास यादें जुड़ी हुई हैं। अप्रैल 2012 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने अपने 15वें दीक्षांत समारोह में डी.लिट (डाक्टर ऑफ लिटरेचर) की मानद उपाधि प्रदान की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको उपाधि देकर सम्मानित किया था। पंडित जसराज ने इस सम्मान को अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया था।
पंडित जसराज ने डी.लिट की मानद उपाधि मिलने के बाद कहा था कि जिंदगी में बहुत सम्मान मिले, लेकिन घर में मिला सम्मान सबसे अहम होता है। उनका कहना था कि आदमी कितनी ही दुनिया घूम ले लेकिन घर का सुख अलग ही होता है। मैं जब भी हरियाणा आता हूं तो मुझे यहां से अपनेपन की महक मिलनी शुरू हो जाती है। अपना क्षेत्र, अपने लोग, अपना लिबास, अपनी बोली और सब कुछ अपना-अपना सा महसूस होता है। उन्होंने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं हरियाणा की बदौलत हूं। हरियाणा की मिट्टी में ही संगीत बसा हुआ है। हर गांव, हर क्षेत्र की अपनी संगीत की धुनें और उनके बीच से निकलती लोकगीतों की मिठास किसी को भी बरबस ही आकर्षित कर लेती हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हे जब एमडीयू ने डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित करने की सूचना से अवगत कराया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं उसी दिन से रोमांचित था कि मुझे अपने घर में कोई सम्मान मिल रहा है।
डाक्टर-इंजीनियर पैदा हो सकते हैं, एक संगीतज्ञ पैदा करना मुश्किल
पंडित जसराज कहते थे कि हर साल हजारों डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक तो पैदा कर सकते हैं लेकिन एक संगीतज्ञ पैदा करना बड़ा मुश्किल काम है। हरियाणा में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन उनको अवसर देने की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विशेष रूप से उन्होंने संगीत विषय को बढ़ावा देने की सिफारिश की थी।
पंडित जसराज पर हरियाणा को गर्व : भूपेंद्र हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंडित जसराज के निधन को हरियाणा के लिए बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि पंडित जी का पूरी दुनिया में नाम है। हमें इस बात का गर्व है कि वे हरियाणा की धरती पर पैदा हुए। एमडीयू में उनको डी.लिट की उपाधि अपने हाथों से प्रदान की, यह उनके लिए खुशी का पल था। वे उनके गांव में भी गए थे। कई बार मिलने का अवसर मिला।