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35 गज के घर में रहने वाली पलक ने 12वीं में हरियाणा में वाणिज्य संकाय में प्रथम

वह अलार्म भरकर सोती है और सुबह साढ़े चार बजे उठकर पढ़ाई करती है। उसे पढऩे के अलावा डांस का और गीत सुनने का शौक है। जब भी पढ़ाई से बोर हो जाती हैं तो पंजाबी गीत सुनती हैं।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 03:51 PM (IST)
35 गज के घर में रहने वाली पलक ने 12वीं में हरियाणा में वाणिज्य संकाय में प्रथम
35 गज के घर में रहने वाली पलक ने 12वीं में हरियाणा में वाणिज्य संकाय में प्रथम

हिसार, जेएनएन। हरियाणा बोर्ड के 12वीं के जारी किए गए परिणाम में शहर की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि परिस्थितियों के कांटे उनकी सफलताओं में बाधा नहीं बन सकते। 35 गज के घर में माता-पिता और छोटी बहन शिया के साथ रहने वाली 12वीं की छात्रा पलक ने प्रदेशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है।

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पलक ने कॉमर्स संकाय में सर्वाधिक 494 अंक यानी 98.8 फीसद अंक प्राप्त किए। शहर की शांति नगर निवासी ने बताया कि वह सीए बनना चाहती है। संघर्ष से उसकी सफलता की इबारत लिखने में अहम भूमिका निभाने वाले माता-पिता उसके आदर्श हैं। पीजीएसडी स्कूल की छात्रा पलक की मां मोनिका के अनुसार पलक कभी घर से बाहर नहीं निकलती।

वह अलार्म भरकर सोती है और सुबह साढ़े चार बजे उठकर पढ़ाई करती है। उसे पढऩे के अलावा डांस का और गीत सुनने का शौक है। जब भी पढ़ाई से बोर हो जाती हैं तो पंजाबी गीत सुनती हैं। स्कूल में पढ़ाई के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी पलक हिस्सा लेती है।

बेटियों की पढ़ाई के लिए शहर आए थे माता-पिता, मोनिका ने गर्व से चौड़ा कर दिया सीना

प्रदेशभर में तीसरा स्थान हासिल करने वाली मोनिका भी पीजीएसडी स्कूल की छात्रा है। मोनिका और पलक दोनों एक ही कक्षा में हैं और दोनों अच्छी दोस्त भी है। शहर के चंदुलाल गार्डन में रहने वाली मोनिका ने 500 में से 491 अंक यानी 98.2 फीसद अंक हासिल किए हैं। मोनिका के पिता रामप्रसाद फर्नीचर का काम करते हैं, जबकि मां ऊषा देवी गृहिणी है। करीब आठ साल पहले मोनिका के पिता अपनी बेटियों की पढ़ाई के लिए शहर आ गए थे। उन्होंने यहां पर फर्नीचर का काम शुरु किया और अच्छे स्कूलों में दोनों बेटियों और बेटे का दाखिला करवाया। मोनिका ने दसवीं कक्षा में भी 97 फीसद अंक हासिल किए थे।

छात्रा मोनिका के अनुसार वह रात में पढ़ाई को अधिक तरजीह देती है। रात को माहौल शांत रहता है, जिससे एकाग्रता बनी रहती है। उसका मकसद सीए बनना है, जिसके लिए उसने एक महीने पहले ही तैयारी शुरु कर दी थी। मोनिका की मां ऊषा के अनुसार उनके दोनों बेटियां और बेटा पढ़ाई में अव्वल हैं। उनके लिए ही वे संघर्ष कर रहे हैं। छोटा बेटा आदित्य फिलहाल 9वीं कक्षा में है, उसने 8वीं में 92 फीसद अंक हासिल किए हैं। वहीं बड़ी बेटी किरण ने अभी बीए की पढ़ाई पूरी की है।

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