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शहीद भगत सिंह की भानजी बोली, देशद्रोही बोलने पर आजादी के लिए शहादत देने वालों को होता है दर्द

हांसी की ऐतिहासिक लाल सड़क से किसानों की पदयात्रा टीकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुई। शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि 23 मार्च के बाद से किसान आंदोलन तेज होगा और वह 26 मार्च को देशव्यापी बंद का बड़ा असर देखने को मिलेगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 03:37 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 03:37 PM (IST)
शहीद भगत सिंह की भानजी बोली, देशद्रोही बोलने पर आजादी के लिए शहादत देने वालों को होता है दर्द
हांसी से किसानों की पदयात्रा को शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

हिसार, जेएनएन। किसान आंदोलन के समर्थन में टीकरी बॉर्डर के लिए हांसी की ऐतिहासिक लाल सड़क से किसानों की पदयात्रा को शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में पहुंचीं गुरजीत कौर ने कहा कि सरकार के विरोधी आवाजों को देशद्रोही कहने से शहीदों के परिवारों को दर्द होता है। विरोधी आवाजों को दबाने का प्रचलन और भ्रष्टाचार का बीज तो कांग्रेस ने ही देश में बोया था। लेकिन, वर्तमान सरकार ने लोकतंत्र में विरोधी आवाज को दबाने के लिए सारी हदों को पार कर दिया है।

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देश के वर्तमान हालात पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के लिए लड़ने वाले लोग देश आजाद हो के बाद बैठ गए। क्योंकि उन्होंन सोचा कि उनका काम पूरा हो गया है। जो लोग देश को चलाने के लिए सत्ता में आए वे ईमानदार नहीं निकले।गलत हाथों में देश आने के कारण दिन-ब-दिन भ्रष्टाचार बढ़ता गया। किसी भी सरकार ने जनता के बारे में नहीं सोचा। केवल सत्ता पाने की जुगत में लगी रहीं।

23 मार्च से तेज होगा किसान आंदोलन

किसान आंदोलन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 23 मार्च के बाद से किसान आंदोलन तेज होगा और वह 26 मार्च को देशव्यापी बंद का बड़ा असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब लोग वर्तमान सरकार के झूठ को समझने लगे हैं। धीरे-धीरे भाजपा सरकार से लोगों का विश्वास उठने लगा है। 

हांसी की ऐतिहासिक लाल सड़क पर पदयात्रा कार्यक्रम में मौजूद गुरजीत कौर(सफेद चुन्नी में)।

पदयात्रा का अगला पड़ाव सोरखी

हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश के किसानों व मजदूरों द्वारा शहीदी दिवस पर ये जगह-जगह पदयात्रा निकाली जा रही है। य़ह शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस के दिन 23 मार्च को टीकरी बॉर्डर पर पहुंचेंगी। यह पदयात्रा पंजाब के खटकड़ कलां से शुरू होकर हांसी पहुंची थी। हांसी से सैकड़ों किसान, मजदूर, छात्र व अन्य लोग पदयात्रा को समर्थन देते हुए उसमें शामिल हुए। पदयात्रा को अगला पड़ाव सोरखी गांव में होगा जहां से आसपास के किसान पदयात्रा में शामिल होंगे। 

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