आक्सीजन प्लांट के फिल्टर बदलवा करवाई सर्विस, अब 3 हजार घंटे की वैधता बढ़ी
जिला अस्पताल में बने आक्सीजन प्लांट के फिल्टर बदलवा एवं सफाई करवाकर सर्विस करवा दी है। इससे अब प्लांट की वैधता तीन हजार घंटे की बढ़ गई है। शुरू में नए प्लांट को लगातार पांच हजार घंटे चलने के बाद सर्विस की जरूरत होती है।
जागरण संवाददाता, हिसार : जिला अस्पताल में बने आक्सीजन प्लांट के फिल्टर बदलवा एवं सफाई करवाकर सर्विस करवा दी है। इससे अब प्लांट की वैधता तीन हजार घंटे की बढ़ गई है। शुरू में नए प्लांट को लगातार पांच हजार घंटे चलने के बाद सर्विस की जरूरत होती है। अभी प्लांट के केवल 250 घंटे बचे थे। इसके बाद आक्सीजन आपूर्ति व शुद्धता कम होने की आशंका होगी। समय पर सर्विस करवाना आवश्यक है। तभी आक्सीजन की शुद्धता बनी रहती है। अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की देखरेख में तैनात स्टाफ प्लांट की क्षमता को भांप चुके है। वहीं दिनभर आक्सीजन की सप्लाई और चेक करते रहते है कि प्लांट पूरे दिन में कितनी आक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। पहले से प्लांट की आक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ी है। जब अस्पताल में मरीज अधिक हो तो लोड पड़ने से प्लांट सीटी मार जाता है और बंद हो जाता है। इसलिए स्टाफ को अतिरिक्त भरे सिलेंडर पाइप लाइन से जोड़कर रखते है, ताकि जरूरत पड़ने पर आक्सीजन की सप्लाई बंद ना हो। इसके लिए आक्सीजन कमरे में एक स्टाफ तैनात रहता है, जो निगरानी रखता है। यह प्लांट केवल सामान्य तौर पर अस्पताल में कामयाब है। प्रतिदिन 12 हजार रुपये की बचत
प्लांट से 24 घंटों में 40 सिलेंडर तक आक्सीजन का उत्पादन होता है। प्लांट प्रतिदिन 12 हजार रुपये की बचत दे रहा है और न ही किसी पर निर्भर रहना पड़ता। निजी प्लांट से एक सिलेंडर भरवाने के लिए 250 से 300 रुपये तक चुकाने पड़ते है। समय व स्टाफ की भी बचत होती है। सिलेंडर भरवाकर लाने के लिए तीन से चार स्टाफ व तीन से चार घंटों का समय लगता था। प्लांट कार्यात्मक है और सही चल रहा है। इंजीनियरिग टीम प्लांट को देखने के लिए आई थी और ठीक करवा दिया है।
- डा. गोविद गुप्ता, पीएमओ, नागरिक अस्पताल, हिसार