हिसार के सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट तैयार, अब बस मशीन का इंतजार
हिसार के सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट में चार टन वजन की एक ऑक्सीजन जनरेटर मशीन स्थापित की जाएगी। जिससे प्रतिदिन करीब 40 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जा सकेंगे। कोरोना काल जैसी आपदा से निपटने में भी सिविल अस्पताल अहम भूमिका निभा सकेगा।
हिसार, जेएनएन। शहर का सिविल अस्पताल जल्द ही ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधाएं सुचारु करने के लिए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट बनाया गया है। इसे सिविल अस्पताल के कोविड ब्लॉक के सामने स्थापित किया गया है। लेकिन ऑक्सीजन जनरेटर मशीन के लिए मुख्यालय को लिखा गया है। जहां से मशीन आने के बाद इसे शुरु कर दिया जाएगा। महामारी के दौरान ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में सिविल अस्पताल को ऑक्सीजन के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसे बनाने के लिए पीडब्लूडी विभाग की ओर से पैमाइश की गई थी। ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट में चार टन वजन की एक ऑक्सीजन जनरेटर मशीन स्थापित की जाएगी। जिससे प्रतिदिन करीब 40 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जा सकेंगे। कोरोना काल जैसी आपदा से निपटने में भी सिविल अस्पताल अहम भूमिका निभा सकेगा।
ऑक्सीजन प्लांट की तीन वर्ष की वारंटी होगी
सिविल अस्पताल में स्थापित किए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट की तीन वर्ष की वारंटी होगी। सिविल अस्पताल में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की खपत बहुत बढ़ गई थी। उस दौरान रोजाना 30 से 35 सिलेंडर की खपत हो रही थी। हालांकि दिसंबर 2020 से कोरोना केस में लगातार कमी आई है। लेकिन कोरोना सहित अन्य सांस की बीमारियों के चलते ऑक्सीजन की जरुरत लगातार बनी रहती है। सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाकर अस्पताल में लगाए गए सभी वार्डो के बैड के पास पाइपलाइन व प्वाइंट लगाए जाएंगे। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडरों पर निर्भर नहीं रहना होगा।
छोटे सिलेंडरों से चलाया जाता है काम
फिलहाल सिविल अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन लाइन नहीं है, जिसके चलते वहां छोटे सिलेंडर से काम चलाया जाता है। लेकिन छोटे सिलेंडरों को अस्पताल के कर्मचारियों को उठाकर मरीजों के पास पहुंचाना पड़ता है। जिससे कर्मचारियों समेत मरीजों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में मिनीफॉल्ट प्लांट बनाया हुआ है। जहां से इमरजेंसी को छोड़कर अस्पताल के अन्य वार्डो में ऑक्सीजन सप्लाई दी जाती है। फिलहाल यहां 32 सिलेंडर की व्यवस्था है।