Strike in Hisar: सिविल अस्पताल में आउटसाेर्सिंग पर लगे कर्मचारी हड़ताल बैठे, मरीजों को इलाज के लिए हो रही दिक्कत
हिसार शहर के सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मचारी ने धरना दिया है। इस दौरान कर्मचारियों का कहना है कि एक तो कुछ सिक्योरिटी गार्ड का पिछले तीन महीने चार महीने ओर एक महीने से वेतन नहीं मिल पाया है।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार शहर के सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ गए है। कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ना तो समय पर वेतन देता है और उनसे अतिरिक्त काम करवाता है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वार उनका शोषण किया जाता है। इस दौरान अस्पताल का कामकाज ठप होने से मरीजों में इलाज के लिए परेशानियोें का सामना करना पड़ रहा है।
उपचार के लिए मरीज हो रहे है परेशान
सिक्योरिटी गार्ड, ओपीडी पर्चिया काटने वाला स्टाफ, वार्ड ब्वाय, धोबी, पलंबर, इलेक्ट्रीशियन आदि आउटसाेर्सिंग कर्मचारियों के हड़़ताल पर जाने से ना तो ओपीडी की पर्चियां कट पाई और ना ही वार्ड ब्वाय होने के कारण मरीजों काे कोई मार्गदर्शन मिल पाया, ऐसे में मरीजों को भी उपचार के लिए परेशान होना पड़ा। सिविल अस्पताल की मुख्य इमारत के सामने बैठकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि एक तो कुछ सिक्योरिटी गार्ड का पिछले तीन महीने, चार महीने ओर एक महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। वहीं ओपीडी पर्चिया काटने वाली महिलाओं ने भी आरोप लगाया कि उनका एक महीने का वेतन नहीं मिल पाया है। इसके अलावा पीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने घर पर कर्मचारियों को बुलाकर सफाई करवाते, अपनी पत्नी की देखभाल और उपचार करवाते है।
साथ ही कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक और स्टाफ नर्से भी उनसे अतिरिक्त काम लेती है, कई बार वे इमरजेंसी में मरीजों को पट्टी बांधते है तो कई अन्य चिकित्सा संबंधी कार्य करते है जो उनके कार्यक्षेत्र से बाहर के काम है, ऐसे में अधिकारी ही उनका शोषण कर रह है। सिविल अस्पताल में करीब 100 कर्मचारी धरने पर बैठे है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे कर्मचारी
धरनारत कर्मचारियों का कहना है कि यह अनिश्चतकालीन हड़ताल और जब तक वेतन संबंधी और उनका शोषण बंद नहीं किया जाता, वे हड़ताल पर बैठे रहेंगे। कर्मचारियों ने कहा कि वे शुक्रवार सुबह आठ बजे से धरने पर बैठे थे, लेकिन दोपहर तक भी किसी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली। कर्मचारियों ने कहा कि नई गाइडलाइन के अनुसार सीएमओ, पीएमओ के हस्ताक्षर के बाद ही कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है। वहीं कर्मचारियों ने कहा कि उनमें से एक सिक्योरिटी गार्ड को बीमार होने पर छुट्टी लेने के बावजूद भी हटा दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से करेंगे।