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हरियाणा में खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा मामले की रिटायर्ड जज व स्टेट विजिलेंस से जांच के आदेश

खेल विभाग के आला अफसरों को भ्रष्टाचार के कई सबूत मिले हैं। इस मामले में डिप्टी डायरेक्टरों के माध्यम से चल रही जांच में अहम जानकारियां मिलने के बाद खेलमंत्री सरदार संदीप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच करवाने का फैसला लिया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 11:15 AM (IST)
हरियाणा में खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा मामले की रिटायर्ड जज व स्टेट विजिलेंस से जांच के आदेश
खेल विभाग के आलाधिकारी तक भ्रष्टाचार के खेल में शामिल, गिर सकती है गाज

पवन सिरोवा, हिसार : खेल ग्रेडेशन में फर्जीवाड़े की जांच मामले में खेल विभाग के आला अफसरों को भ्रष्टाचार के कई सबूत मिले हैं। इस मामले में डिप्टी डायरेक्टरों के माध्यम से चल रही जांच में अहम जानकारियां मिलने के बाद खेलमंत्री सरदार संदीप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच करवाने का फैसला लिया है। ऐसे में अब ग्रेडेशन फर्जीवाड़े की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज या स्टेट विजिलेंस से करवाने की तैयारी हो गई है। उच्च स्तरीय जांच के इन दोनों विकल्प में से किसी एक के माध्यम से जांच करवाने के फाइनल निर्णय लेने से पहले खेलमंत्री ने खेल एवं युवा कार्यक्रम निदेशक से भी राय शुमारी की है। खेल मंत्री सरदार संदीप सिहं ने अब निदेशालय को दिनों विकल्पों के तहत इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच शुरु करवाने के आदेश दे दिए हैं।

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कैसे खेल ग्रेडेशन मामले में भ्रष्टाचार का मुद्दा आया सामने

साल 2020 में सोशल मीडिया पर खेल ग्रेडेशन में फर्जीवाडा मामले के संबंध में शिकायत हुई। शिकायतकर्ता का आरोप था कि दो से तीन लाख रुपये लेकर युवाओं को फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बांटे जा रहे है। यह मामला खेलमंत्री के संज्ञान में आया तो दिसंबर 2020 में जांच बैठा दी। खेल निदेशालय की टीम ने हिसार, फतेहाबाद, भिवानी और सिरसा चार जिलों से जांच शुरु की। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई फर्जीवाड़ा प्रकरण मामले में भ्रष्टाचार से पर्दा उठने लगा। चार जिलों में डिप्टी डायरेक्टरों के नेतृत्व में जिला स्तर पर भेजी गई जांच टीमों को कई संदिग्ध दस्तावेज मिले। हालांकि जांच में क्या क्या भ्रष्टाचार सामने आया है इस बारे में अधिकारिक तौर पर खेल विभाग के अधिकारी अभी कुछ भी बताने से दूरी बना रहे है। हालांकि इस जांच में कुछ डिप्टी डायरेक्टर से लेकर कई डीएसओ और कोचों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। उधर जांच होने लगी तो अफसरों ने बताया कि खेल संघ जानकारी छुपा रहे है। संघों से पूरी जानकारी नहीं मिलने से जांच की रफ्तार धीमी हो गई थी।

सूत्रों के अनुसार जांच में ऐसी जानकारियां हुई उजागर :

- एक स्थान, एक समय लेकिन एक ही खेल की दो स्टेट चैंपियनशिप करवा दी।

- एक ही खेल में कई कई विजेता बना दिए।

- बिना जीते ही विजेता बना दिए तो कही बिना खेले ही खिलाड़ियों को खेल सर्टिफिकेट बांट दिए।

करीब साढ़े 7 माह में इन जिलों में जांच टीमों ने जांचे है दस्तावेज

- एक और दो दिसंबर 2021 को हिसार, फतेहाबाद, भिवानी और सिरसा में जांच टीमों ने दस्तावेज खंगाले।

- 20 मई से 4 जून 2021 तक कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा, रेवाड़ी और भिवानी में रिकार्ड खंगाला।

-- - इन खेलों के ग्रेडेशन प्रमाणपत्रों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की संभावनाएं बताई जा रही है। जांच टीमों को फर्जीवाड़े के काफी सबूत मिले है। जिसमें सर्वाधिक कराटे सहित थ्रोबाल, सर्कल कब्बडी और हैंडबाल खेलों के प्रमाणपत्र शामिल है। इसके अलावा सॉफ्टबॉल, एथलेटिक्स, ताईक्वांडो, नेटबॉल, आर्चरी, फुटबाल और बाक्सिंग खेलों में भी गोलमाल की बड़े स्तर पर संभावना जताई जा रही है।

क्या है खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट

खेल विभाग द्वारा मान्यता वाले किसी भी खेल में जब कोई खिलाड़ी किसी प्रतियोगिता में पदक जीतता है। उस खेल उपलब्धि के आधार पर विभाग द्वारा उसे ए, बी, सी या डी ग्रेड दिया जाता है। उसी ग्रेड के आधार पर खिलाड़ियों को नौकरी, शिक्षा व अन्य क्षेत्र में लाभ मिलता है।

-- -- - खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मामले में जांच की जा रही है। जांच टीमों को कई कमियां मिली है। इस मामले की रिटायर्ड जज या स्टेट विजिलेंस से जांच करवाई जाएगी। निदेशक को उच्च स्तरीय जांच शुरु करवाने के संबंध में आदेश दिए है। हमारा प्रयास है कि खिलाड़ियों को सरकार की ओर से दी जा रही सभी खेल सुविधाएं मिले। साथ ही इस जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- सरदार संदीप सिंह, खेलमंत्री, हरियाणा सरकार।


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