दुष्कर्म के मामलों में सिर्फ फांसी की सजा ही समाधान नहीं: स्वामी सहजानन्द
संवाद सहयोगी, हिसार : मैय्यड़ स्थित अंतरराष्ट्रीय महामृत्युंजय अनुसंधान संस्थान के चेयरमैन स्वामी सहज
संवाद सहयोगी, हिसार : मैय्यड़ स्थित अंतरराष्ट्रीय महामृत्युंजय अनुसंधान संस्थान के चेयरमैन स्वामी सहजानन्द नाथ ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में सिर्फ फांसी की सजा का प्रावधान करना समाधान नहीं हो सकता। लोगों का मनोभाव बदलना होगा। परंपरागत रूप से हम बच्चियों का कन्या पूजन करते हैं। अगर यही हालात रहे तो भ्रूण हत्या की स्थिति और विकट हो जाएगी।
स्वामी सहजानन्द ने बच्चियों के साथ हाल के दिनों में बढ़ी दुर्घटनाओं के कारणों की पड़ताल बताई है। उन्होंने बताया कि इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन कराया जाना चाहिए और उत्तेजना के कारकों पर बैन लगाया जाना चाहिए। यह जांच किए जाने की जरूरत है कि हमारे खानपान में किस तरह के बदलाव हुए हैं और उनका क्या प्रभाव है। हम संयमहीन हो रहे हैं। दूसरा कारण टीवी चैनल भी हैं। मनोरंजन के लिए हर घर में टेलीविजन लगे हैं। छोटी-छोटी बच्चियों से जिस तरह के डांस कराए जा रहे हैं और गाने गवाए जा रहे हैं, वह भी ¨चता पैदा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के अधिकांश मामलों में घर परिवार से अलग रहने वाले, अविवाहित और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की भूमिका ही सामने आती है।