सेब से महंगे हुए प्याज के दाम, 75 पार भाव, टमाटर भी हुआ पूरा लाल
महाराष्ट्र और राजस्थान प्याज और टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक हैं। दोनों राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते ही प्याज और टमाटर की नई फसल को नुकसान हुआ है और भाव बढ़े हुए हैं।
हिसार, जेएनएन। बारिश का सीजन बीत चुका है, सीजन वाली सब्जियों की भी मंडी में भरमार है तो दाम भी कम है। मगर अभी भी प्याज और टमाटर के भाव कम हाेने का नाम नहीं ले रहे हैं। सब्जियों के अलावा सलाद के तौर पर प्रयोग किए जाने वाले टमाटर और प्याज के भाव बढ़ने के कारण और भी ज्यादा परेशानी बनी हुई है। कई राज्यों में प्याज के दाम सेब से भी ज्यादा महंगे हो गए हैं। प्याज के भाव ने लोगों के आंसू निकाल दिए हैं और टमाटर भी पूरा लाल है। आलम ये है कि सेब 60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है तो वहीं प्याज 75 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। दूसरी तरफ टमाटर भी 60 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है।
बाढ़ और बारिश की वजह से आ रही समस्या
फिलहाल राज्य की मंडियों के साथ-साथ देश की सब्जी मंडियों के में प्याज और टमाटर की भारी दिक्कत हो रही है। पूरे देश में महाराष्ट्र और राजस्थान प्याज और टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक हैं। दोनों राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते ही प्याज और टमाटर की नई फसल को नुकसान हुआ है जिसके कारण देश में प्याज, टमाटर की कमी के कारण दोनो के रेटों में बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र के नासिक और राजस्थान के अलवर से प्याज और टमाटर का निर्यात सबसे ज्यादा होता है और प्राकृतिक आपदा के कारण इन सब्जियों की पैदावार में कमी आई है। इसके साथ ही प्याज की बढ़ती मांग को लेकर राजस्थान के अलवर मंडी में प्याज की बोली मंहगे दामों पर लग रही है। व्यापारियों से बात करने पर पता चला कि हालात सुधरने में अभी 10 से 15 दिन लग जाएंगे।
लोगों की रसोई का बिगड़ा बजट
लोगों के घरों में खाने में सबसे ज्यादा प्याज और टमाटर ही उपयोग होता है। इनके बढ़े हुए दाम आम लोगों की रसोई पर खासा असर डाल रहे हैं। प्याज और टमाटर के रेट बढऩे के कारण लोग सब्जियों में फिलहाल दूसरे विकल्प खोज रहें हैं।
--फिलहाल बारिश और बाढ़ के चलते प्याज और टमाटर की नई पैदावार में कमी आई है, जिससे मंडी में भी माल कम और बढ़े हुए दामों पर आ रहा है। हालात सामान्य होने में अभी 10-15 दिन का वक्त लग सकता है।
--सुरेश, प्रधान, नई सब्जी मंडी, हिसार।