सेब-संतरे से ज्यादा महंगा बिक रहा प्याज, प्याज 100 तो लहसुन का 200 के पार पहुंचा भाव
कुछ समय पहले मानसून के मौसम के दौरान आई बाढ़ से प्याज लहसून का उत्पादन प्रभावित होने के कारण इनके भाव में तेजी आई है। बीते एक माह के दौरान प्याज के भाव में काफी उतार-चढ़ाव दिखा है
हिसार, जेएनएन। बीते दिनों से प्याज के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सप्ताहभर के दौरान प्याज के भाव में उछाल आने से प्याज 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। जिसका असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। जिसके चलते प्याज आम आदमी की रसोई से नदारद होता जा रहा है। लगभग हर सब्जी में प्रयोग किए जाने वाले प्याज, लहसून के आसमान छूते दामों ने लोगों के खाने के जायके के साथ गृहणियों का बजट बिगाड़ दिया है।
कुछ समय पहले मानसून के मौसम के दौरान आई बाढ़ से प्याज, लहसून का उत्पादन प्रभावित होने के कारण इनके भाव में तेजी आई है। बीते एक माह के दौरान प्याज के भाव में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। अक्टूबर माह अंत में 30 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाले प्याज के भाव में नवंबर आते आते एकाएक वृद्धि हुई और प्याज का भाव 80 रुपये प्रति किलो पहुंच गया। बाद में करीब दस दिन का समय बीतने पर प्याज के भाव में फिर से कमी आई और प्याज 40 से 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने लगा। दो सप्ताह पहले प्याज के भाव ने फिर यू-टर्न लिया और प्याज 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया।
लेकिन बीते दो दिनों से प्याज के भाव में और अधिक तेजी आ गई है। जिसके चलते मंडी में प्याज 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। दूसरी सब्जियों में वर्तमान में भले ही बीते कुछ दिनों से तेजी देखने को न मिल रही हो लेकिन प्याज के भाव में आई तेजी ने दूसरी सब्जियों की सभी कसर पूरी कर दी हैं। प्याज के भाव में तेजी आने से प्याज की खपत पर भी इसका असर पडऩे लगा है और इसमें काफी कमी आ गई है। प्याज के अलावा लहसून के भाव भी दौ सौ रुपये प्रति किलो को पार कर चुके हैं।
बाढ़ का पड़ा असर
दादरी सब्जी मंडी के थोक प्याज विक्रेता ओमप्रकाश कुकरेजा ने बताया कि मानसून के दौरान कई राज्यों में आई बाढ़ के कारण प्याज की फसलें खराब हो गई। जिसके चलते प्याज का उत्पादन कम होने होने व डिमांड अधिक होने के कारण प्याज के भाव में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि नासिक मंडी के प्याज का भाव तो और भी अधिक है। फिलहाल दादरी में राजस्थान से प्याज मंगवाया जा रहा है। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्याज के भाव में कमी के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे है।
प्याज की खपत में आई कमी
मंडी के थोक विक्रेताओं ने बताया कि प्याज के भाव बढऩे के साथ ही मंडी में प्याज की खपत में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि मंडी में पहले प्रतिदिन लगभग 300 बैग प्याज की बिक्री होती थी जो वर्तमान में घटकर करीब 55 बैग तक सीमित हो गई है। सब्जी मंडी रिटेल सब्जी विक्रेता सोनू, गांधी, प्रदीप, सुरेंद्र, रमेश इत्यादि ने कहा कि प्याज के थोक के भाव पहले की अपेक्षा अधिक हो गए है। जिसके चलते उन्होंने भी उसी के अनुसार भाव बढ़ा दिए है। जिसके चलते प्याज, लहसून के भाव में उछाल आया है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में प्याज, लहसुन को छोड़कर दूसरी सब्जियों के भाव में विशेष वृद्धि नहीं हुई है।
रसोई का बिगड़ा बजट
सब्जी खरीदने सब्जी अनाज मंडी पहुंची गृहिणी नवीन, सरिता, सुमन, कमलेश, बबली, संतोष इत्यादि ने कहा कि प्याज के भाव ने तो रुला दिया है। भाव अधिक होने के कारण इसका असर उनके बजट पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्याज जल्दी खराब नहीं होता जिसके चलते वे पहले एक बार में ही पांच किलो प्याज ले लेती थी लेकिन वर्तमान में एक किलो प्याज लेने के लिए ही सोचना पड़ रहा है।
सेब, संतरा, चीकू से महंगा प्याज
वर्तमान में प्याज के बढ़े हुए दाम महंगे माने जाने वाले सेब, चीकू, संतरा इत्यादि के भाव को भी मात दे रहे हैं। सब्जी मंडी में प्याज का भाव 100 रुपये प्रति किलो जबकि सेब, चीकू 80 रुपये किलो के हिसाब से मिल रहे है। प्याज के मुकाबले यदि दूसरे फलों की भी तुलना की जाए तो लगभग सभी फलों के भाव प्याज से कम ही हैं।