बहादुरगढ़ में आंदोलन के बीच एक और किसान ने दम तोड़ा, अब तक 22 ने गंवाई जान
मृतक की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के गांव डेढा के रहने वाले 55 वर्षीय उगर सिंह के तौर पर हुई है। इस घटना को मिलाकर आंदोलन से जुड़े 22 लोग अब तक यहां अपनी जान गंवा चुके हैं। ठंड और तनाव के कारण किसानों की मौत हो रही है
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसानों की मौत का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। शनिवार की रात एक और किसान की मौत हो गई। मृतक की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के गांव डेढा के रहने वाले 55 वर्षीय उगर सिंह के तौर पर हुई है। इस घटना को मिलाकर आंदोलन से जुड़े 22 लोग अब तक यहां पर अपनी जान गंवा चुके हैं। बताया जा रहा है किसान उगर सिंह बहादुरगढ़ के सदर थाना एरिया में बालौर चौक के पास ठहरा हुआ था।
शनिवार की शाम तक वह बिल्कुल ठीक था। अचानक से रात को उसको तकलीफ हुई। आनन-फानन में उसको रोहतक के पीजीआइ में ले जाया गया, जहां पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सदर थाना से पुलिस टीम राेहतक गई हुई है। पोस्टमार्टम के लिए स्वजनों के ब्यान दर्ज किए जाएंगे। पुुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है। वह कई दिनों से आंदोलन में आया हुआ था।
ठंड और तनाव बन रहे हार्ट अटैक की बड़ी वजह
आंदोलन के बीच शुरूआत से ही मौत का सिलसिला चल रहा है। आंदोलन को 60 दिनों पूरे हो चुके हैं। इस अवधि के अंदर बहादुरगढ़ में आंदोलन से जुुड़े 22 लोगों की मौत हो चुकी हैं। शनिवार को भी यहां एक किसान की मौत हो गई थी। ज्यादातर घटनाओं में मौत का कारण हार्ट अटैक ही बना है। डाक्टरों का कहना है तनाव और ठंड ही हार्ट अटैक की प्रमुख वजह बन रहे हैं।