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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयोग ने आमजन से मांगे सुझाव, कैसे होगा प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में दीपावली के बाद अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 माइक्रोग्राम से भी अधिक पहुंच जाता है और वातावरण में स्माग छा जाता है। इससे लोगों को सांस व कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 10:15 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयोग ने आमजन से मांगे सुझाव, कैसे होगा प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मांगे सुझाव ताकि मिल सके छुटकारा।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। दीपावली के बाद सर्दियों के मौसम में 15 अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक हर साल दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में फैलने वाले प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान की दिशा में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएमक्यूएम) ने कदम बढ़ाए हैं। आदित्य दुबे केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आयोग ने आमजन से सुझाव मांगे हैं कि प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान कैसे हो। आमजन से लेकर विशेषज्ञों से ये सुझाव 14 दिन के अंदर-अंदर मांगे गए हैं। लोगों की ओर से मिले सुझाव पर अमल करते हुए आयोग की ओर से प्रदूषण पर अंकुश लगाने की दिशा में काम किया जाएगा ताकि लोगों को स्वच्छ हवा मिल सके।

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हर साल दिल्ली और एनसीआर में फैलने वाले प्रदूषण से छुटकार

आमजन व विशेषज्ञ अपने सुझाव आयोग के दिल्ली स्थित कार्यालय में डाक के माध्यम से भेज सकते हैं या फिर अभिजीत डाट प्रसाद एट द रेट एनआइसी डाट इन पर भेज सकते हैं। गौरतलब है कि दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में दीपावली के बाद अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 माइक्रोग्राम से भी अधिक पहुंच जाता है और वातावरण में स्माग छा जाता है। इससे लोगों को सांस व कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आयोग की ओर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करना पड़ता है और इंडस्ट्री के संचालन समेत कई तरह की अन्य बंदिशें लगा दी जाती हैं, जिससे व्यापारियों, उद्यमियों को भी परेशानी होती है। उन्हें आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहली बार की बड़ी कार्रवाई 

इस बार प्रदूषण रोकने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी बड़ी कार्रवाई की। बहादुरगढ़ में ही 10 से ज्यादा डीजी सेट सील किए गए और छह से ज्यादा फैक्ट्रियां भी सील की गईं। कई निर्माणाधीन भवनों पर लाखों रुपये का भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया है। बोर्ड की ओर से अब इन संस्थानों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेशों का इंतजार है।

10 से ज्यादा डीजी सेट और छह से ज्यादा फैक्ट्रियां की सील

प्रदूषण रोकने के लिए उनकी ओर से पूरे प्रयास किए गए हैं। प्रदूषण फैलाने वालों कड़ी कार्रवाई की गई है। संस्थानों को सील करने के साथ-साथ उन पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आमजन को भी सहयोग करना चाहिए।

-----दिनेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़।


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