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बलिदान : कोरोना संक्रमितों के उपचार के दाैरान दो बार पॉजिटिव हुई नर्स, डयूटी पर फिर लौटी

हिसार के सिविल अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में डयूटी दे रही नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज सेक्टर 9-11 निवासी कृष्णा दो बार संक्रमित हो चुकी है। इसके बावजूद डयूटी पर लौटकर कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 09:53 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 09:53 AM (IST)
बलिदान : कोरोना संक्रमितों के उपचार के दाैरान दो बार पॉजिटिव हुई नर्स, डयूटी पर फिर लौटी
नर्स गीता ने बताया कि वह डाइट में लिक्विड डाइट और विटामिन सी के लिए खट्टे फल लेती है।

हिसार [सुभाष चंद्र] कोरोना से लड़ाई में डाक्टर तो अहम भूमिका निभा ही रहे है, लेकिन कोरोना से लड़ाई में डाक्टरों के साथ स्टाफ नर्स की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। सिविल अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में डयूटी दे रही नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज सेक्टर 9-11 निवासी कृष्णा दो बार संक्रमित हो चुकी है। इसके बावजूद डयूटी पर लौटकर कोरोना के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 51 वर्षीय कृष्णा ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में डयूटी देने के दौरान मरीजों, स्टाफ नर्स और डाक्टरों को सामान भी मुहैया करवाती है।

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इसी बीच पिछले वर्ष दिवाली के दिन कोरोना संक्रमित हुई थी और हाल ही में 21 अप्रैल को दोबारा संक्रमित हुई थी। इस दौरान घर पर रहकर उपचार करवाया था और ठीक होने के एक हफ्ते बाद ही डयूटी ज्वाइन कर ली थी। कृष्णा ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए घर वालों से भी दूरी बनाकर रखती है। घर में शौचालय अलग से प्रयोग करती है। डाइट अच्छी लेती है। कृष्णा ने बताया कि लिक्विड डाइट और विटामिन सी के लिए खट्टे फल लेती है। वहीं प्राणायाम भी करती है। जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।

नियमों का पालन किया तो हुआ संक्रमण से बचाव

सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात सीनियर स्टाफ नर्स गीता भी कोरोना से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 54 वर्षीय गीता ने बताया कि इस वर्ष उनकी डयूटी शुरुआत से आइसेलेशन वार्ड में लगी है। गीता बताती है कि चूंकि आइसेलेशन वार्ड में बहुत अधिक कोरोना मरीज है। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए भी अतिरिक्त सावधानियां बरतनी पड़ती है। गीता ने बताया कि सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इन दिनों 80 बैड कोरोना मरीजों के लिए रखे गए है।

इन सभी पर कोरोना मरीज दाखिल है। जिसके चलते लगातार पीपीई किट पहनती है। सिर्फ दोपहर के समय खाना खाने के दौरान ही मास्क हटाते है। इसके अलावा स्टाफ व डाक्टरों से बात करने और मरीजों के उपचार के दौरान, उनका रिकॉर्ड मेंटेन करने के दौरान हर समय मास्क का प्रयोग करते है। गीता ने बताया कि वे शुरुआत से कोविड-19 के नियमों का पालन करती आ रही है। इसलिए अब तक कोरोना संक्रमण से बची हुई है। आगे भी कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन करती रहेगी।

गीता ने बताया कि इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए घर से बना पौष्टिक आहार लेकर आती है। खाने से पहले और बाद में भी हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज करना कभी नहीं भूलती। गीता ने बताया कि वे अपने घर जाने पर सबसे पहले खुद को सैनिटाइज कर अच्छे से नहाते है। इसके बाद ही घर के सदस्यों से मिलते है।


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