अब विदेश से आयात करने पर घरेलू बिल्ली का कराना होगा कोविड टेस्ट, लेनी होगी एनओसी
बिल्ली का कोरोना टेस्ट कराने के बाद संबंधित अधिकारियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेनी होगी। एनओसी कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मिल सकेगी। मत्स्य पालन पशु पालन और डेयरी मंत्रालय ने इसको लेकर हाल ही में आदेश जारी किया है।
वैभव शर्मा, हिसार। अब विदेश से घरेलू बिल्ली आयात करने की स्थिति में उसका कोविड टेस्ट कराना होगा। इस टेस्ट को करने के लिए संबंधित अधिकारियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेनी होगी। एनओसी कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मिल सकेगी। मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय ने इसको लेकर हाल ही में आदेश जारी किया है। इसमें घरेलू बिल्ली ही नहीं बल्कि बड़ी बिल्लियां (टाइगर, लॉयन, स्नो लैपर्ड और पूमास) और गोरिल्ला को भी शामिल किया है।
इन जानवरों में घरेलू बिल्ली को छोड़कर सभी जंगली जानवर हैं। यह एहतियात हैदराबाद में एशियन शेर के कोविड-19 से संक्रमित मिलने के बाद उठाया गया है। घरेलू बिल्लियों से ट्रेवल होकर देश में वायरस आ सकता है इसी लिए यह कदम उठाया गया है। देश में विदेशों से बड़ी मात्रा में बिल्लियां आयात की जाती हैं। विश्व में अभी तक जो पशुओं में कोविड-19 के मामले मिले हैं उनमें अधिकांश बिल्ली नस्ल के जानवर हैं। इनमें अधिकांश घरेलू जानवर हैं।
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यह अधिकारी एनओसी करेंगे जारी
मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार एनओसी संबंधित क्षेत्रिय अधिकारी, क्वारंटीन अफसर, पशु क्वारंटीन एवं प्रमाणपत्र सेवा (एक्यूसीएस) अग्रिम एनओसी जारी करेंगे। इसके बाद पशु क्वारंटीन एवं प्रमाणपत्र सेवा (एक्यूसीएस) अंतिम में प्रमाणित करेगी। यह एजेंसी सुनिश्चित करेगी कि पशु का कोविड टेस्ट हुआ है। कोविड टेस्ट तीन दिन से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।
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इंसानों की तरह ही होगा आरटीपीसीआर टेस्ट
लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वेटरनरी पब्लिक हेल्थ एंड एपेडिमियोलॉजी के सीनियर डिजीज इन्वेस्टिगेटर अफसर और वरिष्ठ पशु विज्ञानी डा. नरेश जिंदल बताते हैं कि इंसानों में कोविड-19 का टेस्ट जिस प्रकार से होता है ठीक वैसे ही पशुओं मे होता है। पशुओं के नाक से सैंपल लिया जाता है। फिर इसे आरटीपीसीआर मशीन पर टेस्ट किया जाता है। दोनों में बराबर का समय लगता है।
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पशुओं में कोरोना फैलने को लेकर विज्ञानियों की राय
वरिष्ठ पशु विज्ञानी डा. नरेश जिंदल मानते हैं कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि कोविड-19 बिल्लियाें में फैलता है या कुत्तों के जरिए इंसानों में फैलता है। इस बात की सघनता से स्टडी होनी चाहिए कि जानवरों पर कोविड-19 वायरस क्या असर कर रहा है। कई देश ऐसे हैं जहां इंसान बिल्ली या कुत्तों के काफी करीब रहता है। उन पर क्या प्रभाव रहा। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि पशुओं की कौन सी प्रजाति कोरोना फैला सकती है। इसके लिए हिसार में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र को एक प्रोजेक्ट मिला है जिसमें इस प्रकार की स्टडी की जाएगी।