किसान आंदोलन में अब छात्र भागीदारी बढ़ाने की कवायद, आज बहादुरगढ़ में होगी छात्र पंचायत
किसान आंदोलन 100 दिनों को पार कर चुका है। अब इस आंदोलन में छात्रों की भागीदारी बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इसी उद्देश्य को लेकर आज रविवार को बहादुरगढ़ में आंदोलन के बीच बाइपास पर किसान छात्र पंचायत का आयोजन हो रहा है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा आंदोलन 100 दिनों को पार कर चुका है। अब इस आंदोलन में छात्रों की भागीदारी बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इसी उद्देश्य को लेकर आज रविवार को बहादुरगढ़ में आंदोलन के बीच बाइपास पर किसान छात्र पंचायत का आयोजन हो रहा है। इसमें किसान नेताओं के साथ ही देश के नामी विश्वविद्यालयाें के छात्र नेताओं को भी बुलाया गया है। पंचायत का आयोजन किसान जागृति सेना की ओर से किया जा रहा है।
हालांंकि इस आयोजन से महज दो दिन पहले ही बादली के ढांसा बॉर्डर पर आंदोलन के मंच पर एक छात्रा द्वारा राकेश टिकैत से सवाल पूछने के बाद पहले तो माइक बंद किया गया और फिर छीन लिया गया। इस घटना को लेकर इंटरनेट मीडिया पर तो खूब चर्चा हो रही हैं, मगर किसान नेता इस पर किसी तरह की टिप्पणी से बच रहे हैं।
समझा जा रहा है कि सरकार से वार्ता के बीच बने गतिरोध को लेकर किसान अब अपने अांदोलन को व्यापक रूप देने की जद्दोजहद में हैं। एक तरफ संयुक्त मोर्चा के नेता चुनावी राज्यों का रुख कर चुके हैं और दूसरी तरफ छात्र-किसानों की पंचायत के जरिये आंदोलन को मजबूती देने का प्रयास है। हरियाणा के कुछ किसान संगठन मिलकर प्रदेश का अलग से संयुक्त मोर्चा भी बना चुके हैं। इन्हाेंने एक तरफ प्रदेश में सत्ता पक्ष के तमाम विद्यायकाें के घेराव का फैसला कर रखा है तो मार्च के दूसरे सप्ताह में ये पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए जाने वाले हैं। केंद्र की सत्ता के खिलाफ प्रचार में किसानों द्वारा अब छात्रों को जोड़ने की कसरत हो रही है।