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अब स्‍कूल से घर आ बच्‍चे मम्‍मी-पापा से कहेंगे 'यू आर नॉट अलाउड टू बी एंग्री'

स्कूलों में बनेंगे नो एंगर जोन खुशनुमा होगा माहौल। बच्चों को तनाव से मुक्त करने के लिए सीबीएसई ने उठाया कदम। सभी स्कूलों में स्थापित नो एंगर व एंगर फ्री जोन ऐसे करेंगे काम

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 08:56 AM (IST)
अब स्‍कूल से घर आ बच्‍चे मम्‍मी-पापा से कहेंगे 'यू आर नॉट अलाउड टू बी एंग्री'
अब स्‍कूल से घर आ बच्‍चे मम्‍मी-पापा से कहेंगे 'यू आर नॉट अलाउड टू बी एंग्री'

भिवानी [बलवान शर्मा] केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी स्कूलों में अब नकारात्मक माहौल को समाप्त कर बच्चों को गुस्से से आजादी दिलाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत प्रदेश व देशभर के सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों में नो एंगर व एंगर फ्री जोन स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही स्कूलों में मोबाइल का उपयोग को ना कहते हुए सभी शिक्षक व बच्चे शांति से पढ़े व पढ़ाने का माहौल बनाया जाएगा।

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सीबीएसई बोर्ड के सचिव ने सभी स्कूल मुखिया को मेकिंग अवर स्कूल एंगर फ्री जोन बनाने के लिए पत्र क्रमांक सीबीएसई, एसईसीवाई, 2019-20 जारी किया है। इस पत्र में लिखा गया है कि सभी स्कूलों का माहौल नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मक व खुशनुमा माहौल बनाने की जरूरत है।

बच्चों में डर, अपमान, अमानवता व दुख गुस्से का कारण होते हैं। स्कूल का माहौल बदलकर ही हम बच्चे को और अधिक मानसिक रूप से एक्टिव व संवेदनशील बना सकते हैं। वे जब घर जाएं तो खुद को चार्ज महसूस करें और अगले दिन स्कूल आने के लिए निश्चित तौर पर खुशी महसूस करें। उन्होंने लिखा है कि शरीर की फिटनेस तभी होगी, जब दिमाग फिट रहेगा। दिमाग फिट रहेगा तो क्रियेटिव दिमाग होगा।

बच्चों को एंगर फ्री रहने के लिए शिक्षित किया जाए और जब वे घर जाएं तो अपने अभिभावकों को भी बताएं कि 'यू आर नोट अलाउड टू बी एंग्री' इस तरह स्कूल व घर दोनों जगह खुशनुमा माहौल बनेगा। स्कूल यह भी एक्सरसाइज करेगा कि छात्र उसके अपने गुस्से को कैसे शांत किया जा सकता है। गुस्से से संबंधित मुद्दों पर नियंत्रित करने में मदद की जाएगी। हर रोज सभी छात्रों व शिक्षकों को 20 मिनट तक श्वास लेने की एक्सरसाइज की करवाई जाए। सभी कक्षाओं की पाठ्य पुस्तक के केरीकुलम में भी गुस्से को शांत करने की कला पढ़ाई जाएगी।

एंगर फ्री जोन में ये करना होगा

1. निर्धारित स्थान पर एंगर फ्री जोन का साइन बोर्ड लगाना होगा। यह स्कूल का रिसेप्शन एरिया या कोई अन्य एरिया हो सकता है।

2. इस एरिया की निगरानी के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाए।

3. प्रार्थना सभा, खेल, कला पीरियड, क्लासरूम, लैब में बच्चों के साथ एंगर फ्री करने के लिए अभ्यास करवाया जाए।

4. एंगर फ्री अभ्यास करते हुए छात्रों के अनुभव को रिकार्ड किया जाए।

5. एंगर फ्री स्कूल बनने के बाद इसकी सूचना सीबीएसई को हैशटैग पर भी दें।

6. एंगर फ्री को बढ़ावा देने के लिए रिवार्ड दिया जाएगा।

7. हर रोज फिजिकल एजूकेशन विषय का पीरियड लगाना अनिवार्य होगा।

बच्चे होंगे तनाव मुक्त 

सीबीएसई की जिला कोआर्डिनेटर डीपीएस स्कूल की प्राचार्या डा. अनीता शर्मा ने कहा कि बच्चों को तनाव से मुक्त करने के लिए सीबीएसई ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि डीपीएस भिवानी में उन्होंने यह व्यवस्था पहले से ही कर दी है। अब जिले भर के सभी स्कूलों में इस तरह के एंगर फ्री जोन बनाए जाएंगे।


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