गुरु व शुक्र अस्त होने से शादी के लिए नहीं शुभ मुहूर्त, मगर बसंत पंचमी पर अबूझ सावा, गूंजेगी शहनाई
शुभ कार्यों के मुर्हूत नहीं होने के चलते अब करीब दो माह बाद फिर से बसंत पंचमी के दिन मंगलवार को चारों तरफ शहनाईयों की गूंज सुनाई देगी। बसंत पंचमी के दिन 16 फरवरी को अबूझ सावा है। इस दिन शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
झज्जर, जेएनएन। गुरु व शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण शुभ कार्यों के मुहूर्त नहीं होने के चलते अब करीब दो माह बाद फिर से बसंत पंचमी के दिन मंगलवार को चारों तरफ शहनाईयों की गूंज सुनाई देगी। बसंत पंचमी के दिन 16 फरवरी को अबूझ सावा है। इस दिन शुभ कार्य किए जा सकते हैं। देशभर में इस दिन कई शादियां होंगी। इसलिए अकेले झज्जर जिले में करीब 500-600 शादियां होने का अनुमान हैं। वहीं इनमें से करीब 60-65 शादियां तो झज्जर शहर में ही होने की संभावना है। बसंत पंचमी के दिन जिले में सैकड़ों जोड़े शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। इसका असर अभी से दिखाई देने लगा है। लोग शादियों की तैयारियों में जुटे हैं।
बता दें कि 11 दिसंबर, 16 जनवरी के बाद पहला अबूझ सावा आ रहा है। हालांकि आम तौर पर 14 जनवरी के बाद से ही सावे खुल जाते हैं। लेकिन इस बार गुरु व शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण सावे काफी देरी से खुल रहे हैं। हालांकि इस बाद 14 फरवरी के नजदीक कुछेक लोगों की शादियां जरूर हुई हैं। लेकिन बिना सावा शादियां अभी भी रुकी हुई हैं। इसलिए लोग बसंत पंचमी का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद एक सावा 15 मार्च का है। 15 मार्च को शीतला सप्तमी हैं। उस दिन भी अबूझ सावे की तरह ही शुभ कार्य व शादियां होती हैं। इसलिए अधिक लोग बसंत पंचमी पर ही शादी करने का प्रयास कर रहे हैं।
तीन माह देरी से शुरू होंगे सावे
इस बार 20 अप्रैल से सावे शुरू होने जा रहे हैं। इसका कारण गुरु व शुक्र ग्रह का अस्त होना बताया जा रहा है। आम तौर पर 14 जनवरी से सावे शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बाद सावे करीब तीन माह देरी से शुरू हो रहे हैं। हालांकि 20 अप्रैल के बाद काफी सावे हैं। लेकिन 11 दिसंबर के बाद करीब चार माह के अंतराल में एकाध गीने-चुने अबूझ सावे ही हैं। इसलिए इन अबूझ सावों के दिन शादियों की अधिकता रहती है। इस बार नवंबर-दिसंबर के दौरान भी काफी कम सावे थे।
घर शहर व गांव में होंगी शादियां
बसंत पंचमी पर करीब 500-600 शादियां होने का अनुमान है। जिससे साफ जाहिर होता है कि हर गांव व शहर में शादियों की शहनाई बजती हुई नजर आएगी। बसंत पंचमी पर शादियों की संख्या अधिक होने के कारण लोग पहले से ही बुकिंग में जुट गए थे। ताकि शादी के समय कोई दिक्कत ना हो। क्योंकि अबूझ सावे पर कोई भी बिना लगन सधवाएं ही शादियां कर सकते हैं। इसलिए इन सावों पर अधिक शादियां हो रही हैं।
-पंडित पंकज शर्मा ने बताया कि बसंत पंचमी अबूझ सावा है। इस पर जिले में करीब 500-600 से अधिक शादियां हो रही हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि शादियों के लिए पंडित भी कम मिल रहे हैं। उन्हें भी कई बुकिंग आई हुई हैं। अभी और भी आ रही हैं, लेकिन समय का अभाव है। ऐसे में उन्होंने बड़ी मुश्किल से समय की व्यवस्था करनी पड़ रही है। इसके बाद 20 अप्रैल से सावे खुल जाएंगे।