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तीन जिलों में नहीं मिली ऑक्सीजन, सिरसा में आधी रात सिलेंडर लेकर पहुंचा बाइक मैकेनिक तो बची महिला की जान

डबवाली के गांव गोरीवाला निवासी बाइक मिस्त्री ने ऑक्सीजन सिलेंडर देकर महिला की जान बचाई है। फतेहाबाद की रहने वाली महिला के बेटे का कहना है कि मेरी मां की सांस विजय की वजह से चल रही है। विजय में ही भगवान नजर आने लगा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 01:39 PM (IST)
तीन जिलों में नहीं मिली ऑक्सीजन, सिरसा में आधी रात सिलेंडर लेकर पहुंचा बाइक मैकेनिक तो बची महिला की जान
सिरसा गांव गोरीवाला के चंदू वर्मा तथा बाइक मैकेनिक विजय ने निभाया इंसानियत का धर्म, बचाई महिला की जान

सिरसा/डबवाली [डीडी गोयल] कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे से संसाधनों की कमी सामने आई है। देश के बड़े शहरों के बाद जिला मुख्यालयों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मची है। ऐसे में लोग एक-दूसरे का सहारा बने हैं। कोई एंबुलेंस तो कोई प्लाजमा दे रहा है। हरियाणा के सिरसा जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाने का अनोखा मामला सामने आया है। यहां डबवाली के गांव गोरीवाला निवासी बाइक मिस्त्री ने ऑक्सीजन सिलेंडर देकर महिला की जान बचाई है। फतेहाबाद की रहने वाली महिला के बेटे का कहना है कि मेरी मां की सांस विजय की वजह से चल रही है। विजय में ही भगवान नजर आने लगा है।

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पैसे नहीं चाहिए, खाली सिलेंडर वापस कर देना

रात करीब पौने 10 बजे का समय होगा। मैं घर पर सो रहा था। मोबाइल की घंटी बजने से नींद खुल गई। दोस्त चंदू वर्मा की कॉल थी। उसने बताया कि सिरसा के सांगवान चौक पर स्थित निजी अस्पताल में महिला को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत है। मेरी दुकान पर एक ही सिलेंडर था, जिसमें 110 पौंड ऑक्सीजन थी। किसी की जिंदगी का सवाल था तो मैंने हां भर दी। हम दोनों दुकान पर गए, सिलेंडर उतारा। गाड़ी में रखकर चल दिए सिरसा की ओर। महिला के स्वजन ऑक्सजीन के लिए बेहद चिंतित थे, वे घबराए हुए थे। ऑक्सीजन से भरा सिलेंडर दिया तो वे सिक्योरिटी के तौर पर 10 हजार रुपये देने लगे। मैंने सिर्फ इतना कहा कि मेरा खाली सिलेंडर वापिस कर देना, पैसे नहीं चाहिए। रात करीब 2 बजे हम वापिस गोरीवाला लौटे।

-विजय कुमार (35), बाइक मिस्त्री, गांव गोरीवाला

लोगों की जान बचाकर खुशी मिलती है

इंटरनेट मीडिया पर देखा कि सिरसा के अस्पताल में ऑक्सीजन की जरुरत है। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने संपर्क नंबर पर कॉल की तो फतेहाबाद के अनिल गौड़ ने उठाया। उसने बताया कि मां कृष्णा देवी अस्पताल में दाखिल है। चिकित्सक ने बोल दिया है कि ऑक्सीजन खत्म होने वाली है। मरीज को कहीं शिफ्ट कर लो। मैंने प्रयास शुरु किए। कई काबडिय़ों से पूछा, सब जगह जवाब मिला तो विजय ध्यान में आया। करीब एक घंटे बाद उसे कॉल की तो ऑक्सीजन सिलेंडर मिल गया। फिर हमनें बिना देर किए मरीज तक ऑक्सीजन पहुंचाई। मुझे लोगों की जान बचाकर खुशी मिलती है। मेरे पास पांच गाडिय़ां हैं। दुर्घटना में घायल 20 लोगों को अस्पताल पहुंचाकर जान बचा चुका हूं।

-चंद्रमोहन वर्मा चंदू (31), निवासी गोरीवाला

भगवान बनकर आए चंदू और विजय

मैं एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत हूं। हम फतेहाबाद के रहने वाले हैं। मेरी मां कृष्णा की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव थी। सिटी स्कैन करवाया तो फेफडों में कोरोना मिला। ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था। अस्पताल में 40-45 आ रहा है। शाम सात बजे डॉक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन खत्म होने वाली है। किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर लो। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार कहीं भी ऑक्सीन नहीं थी। ऐसी हालत में गोरीवाला के चंदू वर्मा तथा विजय हमारे लिए भगवान बनकर आए। उनके ऑक्सीजन सिलेंडर की बदौलत मेरी मां की सांस चल रही है, वो मेरे लिए भगवान है। मैं जितना शुक्रिया कर सकूं, उतना ही कम है।

-अनिल गौड़, निवासी फतेहाबाद


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