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जन्म लेते ही छिन गया कलेजे का टुकड़ा, दादरी में स्वास्थ्य कर्मी के हाथ से छूटकर नवजात की मौत

चरखी दादरी में सनसनीखेज मामला सामने आया है। महिला ने सीएचसी के स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि प्रसव के बाद सफाई के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के हाथ से बच्चा छूटकर जमीन पर गिर गया। इससे उसकी मौत हुई।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:20 PM (IST)
जन्म लेते ही छिन गया कलेजे का टुकड़ा, दादरी में स्वास्थ्य कर्मी के हाथ से छूटकर नवजात की मौत
महिला ने सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर न्याय मांगा। ग्रामीणों ने सीएचसी पर ताला लगाने की चेतावनी दी।

चरखी दादरी/बाढड़ा, जेएनएन। गांव गोपी की महिला ने प्रसव के दौरान स्वास्थ्य कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि लापरवाही के चलते उसके नवजात शिशु की मौत हुई है। पीड़िता ने इस संबंध में प्रदेश के सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता ने सीएम विंडो में भी शिकायत दी थी। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच तो शुरू की लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

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गांव गोपी निवासी नेहा पत्नी नवीन कुमार ने सीएम विंडो में शिकायत दी है। उसने बताया कि 16 फरवरी 2021 को उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गोपी में बेटे को जन्म दिया था। सफाई के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के हाथों से नवजात फर्श पर गिर गया। उसे चोट लगी। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें बीमारी या चोट के बारे में बताने की बजाय एंबुलेंस में भिवानी के सरकारी अस्पताल भेज दिया।

भिवानी में पता चला अंदरूनी चोटों का

भिवानी में चिकित्सकों ने बच्चे की जांच की। नवजात को अंदरूनी चोट की बात बताई। इलाज की आधुनिक सुविधा न होने का हवाला देते हुए पीजीआइ रोहतक भेज दिया। वहां वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञों की टीम ने चार दिन उपचार किया। अंदरुनी चोटों के कारण सांस में तकलीफ को देखते हुए तथा वेंटिलेटर सुविधा की कमी का हवाला देकर निजी अस्पताल में उपचार की सलाह दी।

लाखों खर्च किए, नहीं बचा पाए बेटे को

परिवार ने एक मार्च तक अपने बच्चे का रोहतक के निजी अस्पताल में इलाज करवाया। यहां लाखों रुपयों का खर्च आया। इसके बावजूद भी बेटा नहीं बच पाया। इस सारे घटनाक्रम में सीएचसी गोपी की महिला स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही सामने आई है। पीड़िता ने कहा कि सीएम विंडो की शिकायत के बाद दादरी सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने बुलाकर उनके बयान तो दर्ज कर लिए। लेकिन उसके बाद कोई कदम नहीं उठाया। इस बारे में बात करने के लिए गोपी के एसएमओ डा. महेंद्र सिंह से संपर्क नहीं हो पाया।

ग्रामीणों ने दी ताला लगाने की चेतावनी

गांव गोपी निवासी एडवोकेट कुलबीर श्योराण, बिजेंद्र जांगड़ा, संदीप, मंजीत जांगड़ा, पवन कुमार, रणधीर शर्मा, बिजेंद्र जांगड़ा ने बताया कि खंड के एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमराई हुई हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में घायल को यहां से जिला मुख्यालय दादरी भेज दिया जाता है। वहां से गोपी केंद्र पर सात डाक्टर कार्यरत होने का हवाला देकर बैरंग लौटा दिया जाता है। फरवरी में नवजात के साथ हुई घटना व होली के दिन एक मरीज के साथ हुई लापरवाही की घटना से ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने जल्द ही क्षेत्र के गांवों की पंचायत कर बेमियादी ताला लगाने की चेतावनी दी है।

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