पुलिस का नया प्लान : वीआइपी सुरक्षा के लिए अब होगी तीन स्तरीय सुरक्षा
वीआइपी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हिसार मंडल के महानिरीक्षक ने माक रिू्रल का निरीक्षण किया7
जागरण संवाददाता, हिसार :
वीआइपी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हिसार मंडल के महानिरीक्षक राकेश कुमार आर्य ने मंडल के सभी पांच जिलों के पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि अब वीआईपी सुरक्षा के तीन तीन स्तर की सुरक्षा कड़ी तैयार की जाएगी। इसके लिए बाकायदा पुलिस लाइन में माक ड्रिल का भी आयोजन हुआ और महानिरीक्षक ने इसका जायजा भी लिया।
पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार आर्य ने मंडल के पांचों जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ मंथन किया। इस दौरान कुछ दिन पूर्व वीआइपी सुरक्षा में हुई चूक पर मंथन किया और नये सिरे से वीआइपी सुरक्षा को लेकर प्लान तैयार किया गया। आइजी राकेश कुमार आर्य ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि आम आदमी हो या वीआइपी, सबकी सुरक्षा पुलिस का परम दायित्व है, इसमें कोताही के लिये कोई जगह नही है। बैठक के बाद पुलिस लाइन कैंपस में माक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान अभ्यास किया गया कि किस प्रकार वीआईपी सुरक्षा को मजबूत किया जाए। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर किस प्रकार पुलिस टीमें मुस्तैद रहेंगी, ये भी अभ्यास किया गया। इस बैठक में डीआइजी बलवान सिंह राणा, ने भी अपने सुझाव रखे। इस मौके पर फतेहाबाद के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, जींद के एसपी वसीम अकरम, सिरसा के पुलिस अधीक्षक अर्पित जैन, हांसी की पुलिस अधीक्षक, निकिता गहलोत भी उपस्थित थे।
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नई प्रणाली होगी अभेद
अब पुलिस ने तीन स्तर का सुरक्षा चक्र तैयार करने की योजना तैयार की है। इस नई प्रणाली को पुलिस अधिकारियों को अभेद बताया। पुलिस जवान तीन लेयर में न केवल वीआइपी की सुरक्षा करेंगे बल्कि असामाजिक तत्वों पर जरूरत अनुसार बल प्रयोग कर उन्हे काबू भी किया जाएगा। उपद्रवियों के भागने, छिपने के विकल्प भी नही बचेंगे। इस दिशा में मंडल के पांचों जिलों में पुलिस ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। वीआइपी के रास्तें मे रुकावट डालने, काफिले मे सेंध लगाने व पत्थरबाजी की घटनाओं से न केवल निपटने के बारे में अभ्यास किया जा रहा, बल्कि ऐसे तत्वों पर प्रभावी कार्रवाई भी की जा सकेगी।
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आइजी ने ये दिए निर्देश
- सभी जिलों के एसपी अपने-अपने जिलों में पांच-पांच कंपनियां तैयार करें।
- एक कंपनी में 100 जवान शामिल किए जाएं।
- पांच कंपनियों के 2500 जवानों को माक ड्रिल करवाया जाए।
- पुलिस के जवानों को सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं।
- पुलिस जवानों के लिए खाने-पीने, रहने की सुविधाओं का खास ध्यान रखें।
- ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति को संभालने के लिए 2500 जवान दो से तीन घंटे में तैयार हो सकें।