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रोहतक में फिर से नया विवाद : नई पॉलिसी को लेकर एचएसवीपी व नगर निगम में बढ़ी खींचतान

सरकार की पॉलिसी के अनुसार 50 फीसद विकसित हो चुके सेक्टरों का जिम्मा नगर निगम संभालेगा। अभी तक सड़कों की मरम्मत और बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर निगम कार्य देख रहा था। अब सीवरेज व पेयजल आपूर्ति के कार्य भी निगम देखेगा। कर्मियों को लेकर मामला फंसा है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 03:42 PM (IST)
रोहतक में एचएसवीपी से 30 कर्मचारी निगम में भेजे गए। नगर निगम इन कर्मचारियों को रखने को तैयार नहीं है

रोहतक, जेएनएन। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) और नगर निगम के बीच एक बार फिर से ठन गई है। अब नया विवाद सरकार की पॉलिसी को लेकर खड़ा हो गया है। सरकार की पॉलिसी कहती है कि 50 फीसद विकसित हो चुके सेक्टरों का जिम्मा नगर निगम संभालेगा। शर्त के हिसाब से सेक्टर-1, सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-4, सेक्टर-14 और सेक्टर-4 एक्सटेंशन की जिम्मेदारी नगर निगम संभाल रहा है। अभी तक सड़कों की मरम्मत और बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर निगम कार्य देख रहा था। अब सीवरेज व पेयजल आपूर्ति के कार्य भी निगम देखेगा। इसलिए 30 कर्मचारी निगम में भेजे गए। नगर निगम इन कर्मचारियों को अपने यहां रखने को तैयार नहीं।

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सरकार की पॉलिसी के हिसाब से नगर निगम साल 2016 से ही इन छह सेक्टरों का जिम्मा संभाल रहा है। मंगलवार को एचएसवीपी ने 30 कर्मचारी नगर निगम में भेज दिए। यहीं से विवाद शुरू हो गया। नगर निगम ने अपने यहां आर्थिक संकट का हवाला देते हुए कर्मचारियों को रखने में असमर्थता जता दी। दूसरी वजह यह भी बताई गई कि हमारे यहां तनकीकी तौर से अभी कोई इंतजाम नहीं। इसलिए इन कर्मचारियों का उपयोग कैसे किया जाएगा। मंगलवार को एचएसवीपी के कर्मचारियों को अपने यहां शिफ्ट करने से नगर निगम पूरी तरह से पीछे हट गया। वहीं, एचएसवीपी के अधिकारी कहते हैं कि सरकार की पॉलिसी है। इसलिए कर्मचारी भेजे गए हैं तो वेतन का भी इंतजाम सरकार ही करेगी। इसलिए इन कर्मचारियों को नगर निगम ही अपने यहां कार्य कराना शुरू करे।

आपसी खींचतान में सेक्टर वाले फंसे

नगर निगम और एचएसवीपी की आपसी लड़ाई पुरानी है। बेशक नगर निगम बरसाती पानी और सड़कों की मरम्मत का कार्य संभाल रहा हो, लेकिन सेक्टरों के लोग संतुष्ट नहीं। पिछले चार साल में जब भी सड़कों का निर्माण हुआ तब-तब गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे। बार-बार सड़कें टूटती रहीं। अभी भी संतोषजनक स्थिति नहीं, ऐसा दावा सेक्टर वाले करते हैं। बरसाती पानी की निकासी के भी निगम ने ठोस इंतजाम नहीं किए। बरसाती दिनों में सेक्टरों के लोग सड़कों पर आ गए थे।

सेक्टर वालों की चिंता, नगर निगम ने कर देगा परेशान

अब सेक्टर वालों की चिंता बढ़ गई है। सेक्टर-1 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव केके खीरवाट हों या फिर सेक्टर-14 के एमएल अरोड़ा, उदय सिंह फोगाट। फिलहाल इस प्रकरण में सेक्टर वालों की नाराजगी है कि पहले से ही टूटी सड़कों पर जलजमाव से परेशान रहते हैं। एचएसवीपी के अधिकारी सुनवाई तो कर लेते हैं, नगर निगम के अधिकारी तो सुनेंगे भी नहीं। ऐसे में सीवरेज और पेयजल आपूर्ति को लेकर परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए सेक्टर वाले चिंतित हैं।

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नगर निगम के पास आर्थिक स्रोत कम हैं। यदि हमारे यहां 30 अतिरिक्त कर्मचारी आ जाएंगे तो हम वेतन कहां से देंगे।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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सरकार के आदेश पर ही हमने अपने 30 कर्मचारी नगर निगम में भेजे हैं। सेक्टरों में सीवरेज और पेयजल आपूर्ति का जिम्मा भी नगर निगम संभालेगा। यदि कर्मचारी भेजे गए हैं तो वेतन भी सरकार देगी।

डीके आहूजा, एक्सईएन, एचएसवीपी


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