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नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया से बेहतर

इफको ने किसानों को दी मुख्य उत्पाद नैनो यूरिया जैव उर्वरक एग्रो केमिकल्स व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 11:51 PM (IST)
नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया से बेहतर
नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया से बेहतर

-इफको ने किसानों को दी मुख्य उत्पाद नैनो यूरिया, जैव उर्वरक, एग्रो केमिकल्स व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

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फोटो- 1

हिसार (वि) : इफको व कृषि विज्ञान केंद्र, सदलपुर के द्वारा पोषक वाटिका महाअभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन केवीके सदलपुर में किया। इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डा नरेंद्र कुमार में रहे।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा. नरेंद्र कुमार ने सर्वप्रथम कार्यक्रम के उद्देश्य से अवगत कराया। कार्यक्रम में डा विनीता ने किसानों को सब्जी व फलों की वाटिका घर या खेत में लगाने का सुझाव दिया ताकि किसान व उनके बच्चे स्वस्थ सब्जी व फल खा सकें। पवन सारस्वत ने इफको के मुख्य उत्पाद नैनो यूरिया के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी प्रदान की व नैनो यूरिया को पारम्परिक यूरिया से बेहतर बताया। उन्होंने बताया कि कैसे पारम्परिक यूरिया का अधिक उपयोग मिट्टी, जल व पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है व नैनो यूरिया इन सभी समस्याओं से निजाद दिलवा कर उपज व किसानों की आय में वृद्धि करता है। मोहित ढूकिया ने जैव उर्वरकों की महत्वता पर प्रकाश डाला व इफको के 100 प्रतिशत जल विलय उर्वरकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे जैव उर्वरक के इस्तेमाल से केमिकल उर्वरकों पर होने वाले अत्यधिक खर्च को कम किया जा सकता है व खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है।

धनंजय मणि त्रिपाठी ने फसलों में कीट प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले एग्रो केमिकल्स के बारे में चर्चा की। इसी कड़ी में डा अजीत सांगवान ने फर्टीगेशन को उपयोगी बताते हुए कहा कि परंपरागत विधि की तुलना में इसमें जल के साथ रासायनिक उर्वरकों की भी अधिक मात्रा में बचत होती है एवं रसायन और उर्वरकों का दक्ष उपयोग होता है। कार्यक्रम के अंत में किसान भाइयों से 5 सवाल पूछे गए और सही उत्तर देने वाले किसान भाइयों को नैनो यूरिया व सागरिका प्रदान की गयी। कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों को फलदार पौधे व बीज की किट वितरित की गयी। इस अवसर पर डा विनीता जैन, प्रमुख वैज्ञानिक, इफको के क्षेत्र अधिकारी पवन सारस्वत, डा. अजीत सांगवान, डा. सत्यवीर कुंडु, मोहित ढूकिया, एजीटी हिसार, धनंजय मणि त्रिपाठी ने भाग लिया।


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