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आज पेश होगा नगर निगम का बजट, कई मुद्दों पर होगी बहस

जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम के बजट को लेकर बैठक आज निगम सभागार में होगी। सभी क

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 03:00 AM (IST)
आज पेश होगा नगर निगम का बजट, कई मुद्दों पर होगी बहस
आज पेश होगा नगर निगम का बजट, कई मुद्दों पर होगी बहस

जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम के बजट को लेकर बैठक आज निगम सभागार में होगी। सभी की नजरें निगम की इनकम बढ़ाने पर होगी, लेकिन एक बड़े घोटाले की ओर शायद ही किसी पार्षद का ध्यान जाए। साल 2017 के अंदर नगर निगम की नंदीशाला में नंदियों की मौत हुई थी। एक मृत नंदी को बेचने पर कम से कम 20 हजार रुपये मिलते हैं। बिना स्लॉटर हाउस के अवैध रूप से ठेकेदार ने सात सौं नंदियों की खाल और उनकी हड्डियों को कहां बेचा या फेंका कोई नहीं जाता। लेकिन निगम को उसने मात्र एक लाख दस हजार सालाना अदायगी की, जबकि उसे चार लाख रुपये का ठेका दिया गया था। इससे साफ जाहिर होता है कि मृत नंदियों को लेकर बड़ा घोटाला नगर निगम में हुआ है। जिसको लेकर निगम आयुक्त से लेकर सभी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। क्योंकि मृत पशुओं से एक करोड़ के आस पास ठेकेदार ने कमाए हैं। वहीं पार्षदों की आखिरी बैठक होने पर बजट में कई मुद्दों पर बहस होगी।

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खाल और हड्डियों की रहती है मांग

मृत पशुओं की खाल और हड्डियों की मांग देश में हमेशा बनी रहती है। दिल्ली में कई बड़े व्यापारी इनको खरीदते हैं। तभी मृत पशुओं की तस्करी सबसे ज्यादा प्रदेश में देखने को मिलती है। गोसेवक कई बार मृत पशुओं से भरे ट्रक पकड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, सदर थाने में आठ नौ माह पहले दिल्ली रोड पर पशुओं के कंकाल मिलने पर शिकायत दर्ज की गई थी। परंतु उस मामले को दबा दिया गया ।

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स्लॉटर हाउस बनाने का यह है मकसद

स्लॉटर बनाने का मकसद यह होता है कि सभी मीट व्यापारी वहां पर आकर अपना काम करें। हड्डियां , खाल और चर्बी को नगर निगम विशेष प्लॉट लगार प्रयोग में लाएगा। पशु वैज्ञानिकों के अनुसार चर्बी व अन्य अवशेष आदि से खाद बनाई जाती है। जबकि हड्डियों और खाल को बेचता जाता है। जिससे विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती है।

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इन पर देना होगा विशेष

- प्रॉपर्टी टैक्स के साढ़े 22 करोड़ रुपये की वसूली नगर निगम अधिकारियों को करनी है। यह तभी संभव हो सकता है जब नगर निगम डाटा सही करें और स्पेशल रिक्वरी ¨वग बनाए। बिना रिक्वरी ¨वग के लोगों से वसूली करना संभव ही नहीं है। निगम को सरकारी विभागों से भी पांच करोड़ के आस पास की वसूली करनी है।

- डोर टू डोर क्लेक्शन - डोर टू डोर क्लेक्शन का पैसा प्रॉपर्टी टैक्स में शामिल करना होगा। प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रॉपर्टी टैक्स में डोर टू डोर क्लेक्शन का पैसा शामिल किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स में इसे शामिल करने से लाखों रुपया निगम को मिलेगा।

. बि¨ल्डग ब्रांच - बि¨ल्डग ब्रांच में अवैध निर्माणों के समझौते के नाम पर 50 लाख रुपये आने की उम्मीद जताई गई है। जबकि भवन निर्माण से 15 लाख रुपये सालाना आने की उम्मीद है। पिछले एक साल में शहर में अवैध रूप से कर्मशियल भवनों का बड़े स्तर पर निर्माण हुआ है। लेकिन निगम के खाते में रिहायशी भवनों की फीस जमा हुई है। सही तरह से मॉनिट¨रग टीम बनाकर बि¨ल्डग ब्रांच में काम किया जाए तो सालाना दो से तीन करोड़ रुपया नगर निगम को इनकम हो सकती है।

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कहां पकड़ेंगे बंदर

शहर में दो हजार बंदर नगर निगम पकड़वाकर क्लेसर छोड़कर आ चुका है। उसके बाद भी 30 लाख रुपये की लागत से बंदर पकड़वाने पर खर्च किया जाएगा। जबकि शहर में बंदर 90 फीसद कम हो गए हैं।

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वर्जन.

मृत पशुओं के मामले में अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स, यूजर चार्जिज आदि को लेकर बदलाव की जरूरत है।

शकुंतला राजलीवाला, मेयर, नगर निगम।


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