एवरेस्ट चढ़ाई कर रहे पर्वतारोहियों ने 4500 मीटर की ऊंचाई से की मतदान की अपील
त्रिदेव पर्वतारोहियों की टीम 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप में पहुंच गई है। टीम के सदस्यों ने लोगों से मतदान की अपील की है।
जेएनएन, हांसी [हिसार]। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह करने निकली त्रिदेव पर्वतारोहियों की टीम 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप में पहुंच गई है। दल में एक युवक व दो लड़कियां शामिल हैं। बेस कैंप में पहुंचने पर तीनों पर्वतारोहियों ने दैनिक जागरण से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि करीब आधा सफर तय कर चुके हैं, लेकिन आगे का रास्ता दुर्गम होगा व इसे तय करने में करीब एक महीने का समय लगेगा। पर्वतारोहियों ने कहा कि उन्हें खेद है कि वह चुनावों में अपना वोट नहीं डाल पाएंगे। उन्होंने सभी मतदाताओं से लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपने मत का इस्तेमाल करने की अपील की है।
बता दें कि त्रिदेव दल में जींद निवासी मोहिनी नेहरा, कैथल निवासी शोभा बनवाल और हांसी के लालपुरा गांव निवासी अंकुश कसाना शामिल हैं। तीनों विश्व के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने के लक्ष्य के साथ निकले हैं। दक्षिण अफ्रीका व यूरोप महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह कर चुके हैं। तीनों ने गत 3 अप्रैल को चढ़ाई शुरू की थी। 13 दिनों की चढ़ाई के बाद दल ने 4500 मीटर की ऊंचाई तय कर ली है। अंकुश कसाना ने बताया कि 20 मई तक वह माउंट एवरेस्ट को फतेह कर लेंगे।
450 मीटर का सफर है कठिन
पर्वतारोही अंकुश कसाना का कहना है कि एवरेस्ट का सबसे दुर्गम सफर 8000 मीटर के बाद शुरू होता है। आखिरी के 450 मीटर तय करने में पर्वतारोहियों को दस दिन का समय लग जाता है। इस दौरान उन्हें तेज ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार तो बर्फीले तूफान भी आते हैं। बेस कैंप में एक दिन पर्वतारोहियों को एक दिन आराम करने को मिलता है।