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गंगोत्री की 5800 और 6700 मीटर ऊंची दो चोटियों को फतह करेंगी पर्वतारोही अनिता कुंडू

राष्ट्रपति द्वारा एडवेंचर के सबसे बड़े तेनज़िंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मानित हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी पर्वतारोही अनीता कुंडू कल से हिंदुस्तान के दो पर्वतों की चढ़ाई करने जा रही है। रूदुगैरा और गंगोत्री-३ नामक के ये दो पर्वत शिखर उत्तराखंड में है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:46 AM (IST)
गंगोत्री की 5800 और 6700 मीटर ऊंची दो चोटियों को फतह करेंगी पर्वतारोही अनिता कुंडू
हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी पर्वतारोही अनीता कुंडू दो चोटियों की चढ़ाई के लिए उत्‍तराखंड पहुंची हैं

हिसार,जेएनएन। राष्ट्रपति द्वारा एडवेंचर के सबसे बड़े तेनज़िंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मानित हिसार के गांव फरीदपुर की बेटी पर्वतारोही अनीता कुंडू कल से हिंदुस्तान के दो पर्वतों की चढ़ाई करने जा रही है। रूदुगैरा और गंगोत्री-३ नामक के ये दो पर्वत शिखर उत्तराखंड में है। रुदुगैरा की ऊंचाई 5800 मीटर है, वहीं गंगोत्री-३ की ऊंचाई 6700 मीटर है। ये दोनों ही टेक्निकल माउंटेन है। अनीता ने बताया कि मेरा ये अभियान 20 से 25 दिनों का रहेगा। ये दोनों ही टेक्निकल माउंटेन है। अनीता ने फ़ोन के माध्यम से बताया कि मैं आज 3 दिन की यात्रा करके गंगोत्री पहुंच गई हूं, कल से मेरी चढ़ाई शुरू हो जाएगी।

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अनिता कुंडू की उपलब्धियां

-2009 में पर्वतारोहण के बेसिक, एडवांस के साथ सभी कोर्स पास किए। सतोपंथ, कोकस्टेट आदि हिंदुस्तान की अनेकों चोटियों को फ़तह किया।

-18 मई 2013 को नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट फ़तह किया, 2015 में चीन के रास्ते एवरेस्ट फ़तह करने का प्रयास किया, 22500 फ़ीट पे पहुंचने पर भूंकप ने क़दमो को रोका, इस त्रासदी में अनिता ने अपने अनेकों पर्वतारोही साथी खोए, अभियान कैंसल हुआ।

- 2017 में फिर चीन के रास्ते से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की, 60 दिन के कड़े संघर्ष के बाद 21 मई 2017 को एवरेस्ट फ़तह किया।

- नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फ़तह करने वाली हिंदुस्तान की इकलौती बेटी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

-2018 में पूरी दुनियां के सातों महाद्वीपों की चढ़ाई शुरू की। इसमें एशिया की माउंट एवरेस्ट, अफ्रीका की किलिमंजारो, यूरोप की एलबुर्स, अंटार्कटिका की विनसन मासिफ, दक्षिणी अमेरिका की अकांकागुवा, ऑस्ट्रेलिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर फ़तह की। उतरी अमेरिका की देनाली के शिखर से 100 मीटर दूर ही बर्फ़ीले तूफान का सामना किया।

- 27 सितम्बर 2019 को माउंट एवरेस्ट के बराबर की ही ऊंचाई की चोटी माउंट मनासलू को फ़तह किया। अनिता कुण्डू के सभी अभियानों पर करोड़ों रुपए खर्च आता है, ये सभी राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की कंपनी एसआईएस उठाती है। क्योंकि सिन्हा ने अपनी ने अनिता को अपनी बेटी के रूप में अडॉप्ट किया हुआ है। उन्होंने अनिता को अपनी सभी कम्पनी, स्कूल, सस्थाएं, हिंदुस्थान समाचार समूह आदि का ब्रांड एंबेसडर बनाया हुआ है।

ये मिले हैं पुरुस्‍कार

भारत सरकार ने हाल ही में अनिता को तेनज़िंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड, हरियाणा सरकार ने नारी शक्ति पुरुस्कार, कल्पना चावला अवार्ड, सर्वोत्तम महिला पुलिस अवॉर्ड से भी अनिता को सम्मानित किया गया है। सैकड़ों संस्थाए, समूह, संगठन अनिता को सम्मानित कर चुके हैं। अनेकों यूनिवर्सिटी, संस्थाओं आदि ने अनिता को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया हुआ है।

-एक पर्वतारोही के साथ-साथ अनिता एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी जानी जाती है। हिंदुस्तान के हर कोने में उनको सुनने के लिए बुलाया जाता है।

13 साल की उम्र में हो गया था पिता का देहांत, हल चलाना सीखा

अनिता एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखती है। जब वे मात्र 13 साल की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया था, पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई और खेल जारी रखा, खेत मे हल चलाना भी सीखा, पशुओं को पालने में भी महारत हासिल की। अपने सभी छोटे भाई-बहनों को भी पढ़ाया। और आज करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

अनिता ने बताया कि मेरी इस कामयाबी में मेरी मां और मेरे ताऊ का बहुत बड़ा योगदान है। मेरी मां ने विपरीत परिस्थितियों में भी मुझ पर विश्वास किया, और मेरे ताऊ ने हमेशा पढ़ने और खेलने के लिए प्रोत्साहन दिया।

अनिता ने बताया कि मेरा एक ही सपना है कि हर बेटी पढ़े और खेले, अपने मां-बाप और देश प्रदेश का नाम रोशन करे। जिस प्रकार अपने हालातों से मैं लड़ी, वे सब भी ऐसे ही बहादुरी से अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करें और अपने जीवन मे सफल हो।


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