जाको राखे साइयां मार सके न कोय, मां बेटी की हुई मौत, ढाई साल के जलाल को खरोंच तक न आई
रोहतक में दीवार गिरने से झुग्गी में सो रही मां बेटी की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए। मगर ठीक पास में सो रहे ढाई साल के जलाल को खरोंच तक नहीं आई।
रोहतक, जेएनएन। जाको राखे साइयां मार सके न कोय, इन शब्दों को भले ही हम सुनते हैं मगर यह बहुत सी जगह सार्थक भी सिद्ध होते हैं। रोहतक में हुए एक हादसे में ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला है। भिवानी रोड स्थित पालिका कालोनी में सोमवार देर रात हुई बारिश से जनस्वास्थ्य विभाग के डिस्पोजल के पीछे वाली दीवार झुग्गी-झोपडिय़ों पर गिर गई। मलबे के नीचे दबने से एक महिला और पांच साल के बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक गर्भवती महिला समेत चार लोग घायल हो गए। घायल पीजीआइ में भर्ती हैं।
मगर यहीं पर जयसिंह और उसकी पत्नी शिवानी के साथ उनका दो माह का बेटा जलाल और ढाई वर्षीय आसिब भी सो रहा था। जिस समय दीवार का मलब उनकी झोपड़ी पर गिरा तो पूरा परिवार नीचे दब गया। इसमें शिवानी की मौत हो गई, जबकि बाकी दोनों भी जख्मी हो गए। लेकिन जलाल को खरोंच तक नहीं आई।
पता होता नहीं आता यहां पर : जयसिंह
जयसिंह का कहना है कि उसने तीन माह पहले ही यहां पर झुग्गी बनाई थी। इससे पहले वह कुछ ही दूरी पर दूसरी जगह रहता था। उसे क्या पता था कि यहां पर उसका परिवार इस तरह बर्बाद हो चुका है। मलबे के नीचे दबने के बाद उसकी पत्नी शिवानी दर्द से चिल्ला रही थी, लेकिन वह कुछ नहीं कर पा रहा था। इस काली रात को वह जीवन भर नहीं भूलेगा।
मृतक के परिवारों को मिले 10-10 लाख का मुआवजा : जिलाध्यक्ष
हादसे के बाद हरियाणा वाल्मीकि महासभा के जिलाध्यक्ष राजेश बोहत भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीडि़त परिवारों का मदद दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही मौके पर पहुंचे डीएसपी और एसडीएम से मांग करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। जिलाध्यक्ष का कहना है कि आर्थिक मदद के लिए बुधवार को उपायुक्त से भी मिला जाएगा।