कमजोर इम्यून के कारण हुई हिसार में अधिकतर कोरोना संक्रमितों की मौत, सजगता जरूरी
एक अगस्त तक जिले में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 10 पर था लेकिन एक अगस्त से लेकर अब तक 18 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं कुल मौत 28 हो चुकी हैं।
हिसार [सुभाष चंद्र] जिले में एक ओर जहां कोरोना के मामले लगातार बढ रहे है। वहीं जिले में पिछले दिनों लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। जिले में कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा 28 पर पहुंच गया है। एक अगस्त तक जिले में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 10 पर था, लेकिन एक अगस्त से लेकर अब तक 18 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले 10 दिन में 12 कोरोना संक्रमित की कोरोना के कारण मौत हुई है।
जिले में कोरोना संक्रमितों की मौत के आंकड़ों को देखे तो इनमें कोरोना संक्रमित हुए 60 वर्ष से अधिक लोगों की मौत का आंकड़ा अधिक है। वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों में से अधिकतर मरीजों को कई बीमारिया थीं, अब तक कोरोना से मरे 28 मरीजों में से अधिकतर मरीजों को शुगर की बीमारी थी। जिसके चलते इम्यून सिस्टम कमजोर होने व कोविड निमोनिया होने के चलते कई मरीजों की मौत हुई है।
तीन कोरोना संक्रमित की मौत -
बुधवार को भी जिले के तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। इनमें विवेक नगर निवासी 73 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव वृद्धा की मौत हो गई। वृद्धा का सैंपल 4 सितंबर को लिया गया था। 5 सितंबर को पॉजिटिव मिलने पर उसे अग्रोहा मेडिकल में दाखिल करवाया गया। जहां बुधवार को उपचार के दौरान वृद्धा की मौत हो गई। वहीं बरवाला निवासी कोरोना पॉजिटिव 78 वर्षीय वृद्ध की आधार अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। वृद्ध को बीमार होने पर 19 अगस्त को आधार अस्पताल में दाखिल किया गया था। बुधवार को वृद्ध की उपचार से मौत हो गई। वहीं जयदेव नगर निवासी कोरोना संक्रमित 62 वर्षीय व्यक्ति की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। वृद्ध का 8 सितंबर को कोरोना सैंपल किया गया था। पॉजिटिव मिलने पर उसे सीएमसी अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
------सिविल अस्पताल में डा. अजय चुघ ने बताया कि शुगर के मरीजों का इम्यून सिस्टम वीक हो जाता है और कोरोना वीक इम्यून सिस्टम वाले लोगों को अधिक इफेक्ट करता है। वहीं शुगर मरीज को यदि कोरोना में निमोनिया हो जाता है तो मरीज को एआरडीएस यानि अक्यूट रैसप्रिटेरी डिस्टरैस ङ्क्षसड्रोम हो जाता है, इसमें मरीज के फेफड़ों में पानी भर जाता है। कोविड निमोनिया के एआरडीएस में कन्वर्ट होने के चलते फेफड़े खराब हो जाते है और सांस लेने में प्रॉब्लम होती है जिससे मरीजों की मौत हो जाती है। शुगर की वजह से एआरडीएस और कोविड निमोनिया होने के चांस अधिक होते है। वहीं डायलिसिस वाले मरीजों को कोविड 19 में निमोनिया होने के चांस बढ़ जाते है। इससे इम्यूनिटी वीक होने के चलते शरीर के कई अंदरूनी अंग खराब हो जाते है।