झज्जर में 1150 से अधिक किसानों ने दी फसलों में नुकसान की शिकायत, गेहूं में सबसे ज्यादा
झज्जर में 1150 से अधिक किसानों ने अपनी फसल में जल जमाव की शिकायत दी है। अब शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा सर्वे किया जाएगा। ताकि जिससे पता लग सके कि जल जमाव के कारण कितना नुकसान हुआ है।
जागरण संवाददाता, झज्जर : बरसात ने सैकड़ों किसानों की फसल पर पानी फेरने का काम किया है। जिस कारण किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है। अब किसानों को इस नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की आस है। सर्वे करके उचित मुआवजा देने की उम्मीद में किसानों ने शिकायतें दी हैं। जिला की बात करें तो 1150 से अधिक किसानों ने अपनी फसल में जल जमाव की शिकायत दी है। अब शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा सर्वे किया जाएगा। ताकि, जिससे पता लग सके कि जल जमाव के कारण कितना नुकसान हुआ है। नुकसान के अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा।
अपनी फसल में हुए नुकसान की शिकायतें वे किसान ही कर पाए, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा करवाया हुआ था। रबी सीजन की शुरूआत में ही फसलों का बीमा करवाने की प्रक्रिया जारी थी। जिसके तहत काफी किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया। बीमा करवाने वाले किसान ही नुकसान की शिकायत दे पा रहे हैं। इसके अलावा ऐसे भी किसान होंगे, जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाया और फसलों में जल जमाव से नुकसान हुआ होगा। अभी तक तो जिलेभर के केवल 1150 किसान ही अपनी शिकायत दर्ज करवा पाए हैं। इन शिकायतों को पहले पोर्टल पर अपलोड करके सर्वे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गेंहू की फसल का हुआ सबसे अधिक नुकसान
जल जमाव का नुकसान सबसे अधिक गेहूं की फसल में हुआ है। हालांकि जिले में बिजाई का एरिया भी गेहूं का ही सबसे अधिक है। जिले के 96 हजार 617 हेक्टेयर में गेहूं व 35 हजार 350 हेक्टेयर में सरसों की बिजाई की गई है। अब तक मिली कुल शिकायतों में से करीब 60 प्रतिशत से अधिक शिकायतें गेहूं में जल जमाव से हुए नुकसान की हैं। वहीं बकाया करीब 40 प्रतिशत शिकायतें सरसों की फसल में नुकसान की। पांच से दस शिकायतें जौ में नुकसान की मिली हैं। जल जमाव का नुकसान जिले के बेरी व साल्हावास ब्लाक में सबसे अधिक हुआ है। अन्य ब्लाक के मुकाबले इन दोनों ब्लाक की 70 प्रतिशत से अधिक शिकायतें आई हैं।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर मंदीप दूहन ने बताया कि जल जमाव से फसलों में नुकसान की 1150 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं। अब इनको पोर्टल पर चढ़ाकर सर्वे किया जाएगा। सर्वे के बाद ही पता चल पाएगा कि नुकसान कितना हुआ है।