प्रत्येक वार्ड में बनेगा आधुनिक कंपोस्ट प्लांट, शहर से कचरे का होगा निपटान
जागरण संवाददाता हिसार शहर में गीले कचरे से कंपोस्ट बनाने को लेकर पहला आधुनिक तकन
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में गीले कचरे से कंपोस्ट बनाने को लेकर पहला आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट निगम प्रशासन की ओर से शुरू किया गया है। तोशाम रोड पर सेक्टर-13 स्थित कंपोस्ट प्लांट में एक्सप्रेस कंपोस्टर मशीन का शुक्रवार को मेयर गौतम सरदाना और निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने शुभारंभ किया। इस दौरान पार्षद जगमोहन मितल, पार्षद अमित ग्रोवर, एक्सईएन एचके शर्मा, एक्सईएन संदीप सिहाग, जेई गंगाधर व सीएसआइ सुभाष सैनी मौजूद रहे।
मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि सेक्टर-13 स्थित कंपोस्ट प्लांट में घरों से प्राप्त होने वाले गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। 21 दिन में खाद तैयार होगी। वहीं कचरा प्रबंधन को लेकर जल्द ही नई व्यवस्था लागू की जाएगी। जिससे कचरे का निपटान वार्ड के अनुरूप होगा। उन्होंने कहा कि हमारी योजना है कि प्रत्येक वार्ड में सेक्टर 13 की तरह कंपोस्ट प्लांट लगाया जाए। वार्ड में ही गीले और सूखे कूड़े का निपटान हो जाए। इससे प्लांट से बनने वाली खाद का प्रयोग संबंधित वार्ड के पार्कों व ग्रीन बेल्ट में किया जाएगा। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि अपने घर पर गीले व सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन का प्रयोग करें। निगम की गाड़ी में भी गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग डालें। अपने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए प्रत्येक शहरवासियों को यह जिम्मेदारी उठानी होगी।
निगम कमिश्नर ने कहा कि सभी शहरवासी कचरे का सेग्रीगेशन करें ताकि निगम प्रशासन गीले कूड़े से खाद बना सके और सूखे कूड़े का निपटान करेगा। कमिश्नर ने सीएसआइ को आदेश दिए कि ठेके पर दिए गए सभी वार्डों से कूड़ा सेग्रीगेट होना चाहिए। बिना सेग्रीगेशन के ठेकेदार का कूड़ा न लिया जाए। इसी प्रकार की व्यवस्था नगर निगम की टीमों को करनी हैं।
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मशीन से खाद बनाने की यह है प्रक्रिया
एक्सईएन एचके शर्मा ने बताया कि कंपोस्ट प्लांट में खाद बनाने के लिए 16 लाख 50 हजार रुपये की लागत की दो कंपोस्टर मशीन खरीदी गई हैं। ये मशीनें अलग-अलग तरीके से काम करती हैं। गीले कचरे को प्लांट में आने के बाद सेग्रीगेट किया जाता है। जिसके पश्चात गीले कचरे को पहली कंपोस्टर मशीन में डाला जाता है और जो उसके छोटे-छोटे टुकड़े करती है। इस मशीन से निकले कचरे में लकड़ी का बुरादा व कुछ चम्मच केमिकल पाउडर मिलाकर दूसरी मशीन में डाला जाता है। इस मशीन से कुछ मिनट बाद कचरा निकालकर प्लास्टिक की कैरेट से एक रैक में रख दिया जाता है। धूप के साथ फव्वारों से हलका पानी का छिड़काव इन प्लास्टिक की करेट में किया जाता है। इस प्रक्रिया से 21 दिनों में खाद बनकर तैयार हो जाती है।