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शिक्षा विभाग के कर्मी को मोबाइल रिचार्ज पड़ा महंगा, ठगों ने लगाई हजारों की चपत

कस्टमर केयर कर्मी बना पूछा कोड और खाता कर दिया खाली।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 07:43 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 07:43 AM (IST)
शिक्षा विभाग के कर्मी को मोबाइल रिचार्ज पड़ा महंगा, ठगों ने लगाई हजारों की चपत

-कस्टमर केयर कर्मी बना पूछा कोड और खाता कर दिया खाली संवाद सहयोगी, हांसी:

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शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी को गलत मोबाइल नंबर पर रिचार्ज करना महंगा पड़ गया। कर्मचारी के खाते से ठगों ने चालबाजी करते हुए हजारों रुपये की चपत लगा दी। दरअसल, हिसार के मुजादपुर निवासी शिक्षा विभाग के कर्मचारी लीलूराम को अपना मोबाइल नंबर रिचार्ज करना था, लेकिन गलती से अन्य मोबाइल नंबर पर 399 रुपये का रिचार्ज हो गया। पुलिस को दी शिकायत में लीलूराम ने बताया कि उसने रिचार्ज की राशि रिफंड के लिए कस्टमर केयर पर फोन किया, जहां से एक अन्य नंबर पर काल डायवर्ट कर दी गई। कस्टमर केयर पर कर्मचारी ने उसे मोबाइल में एनी-डेस्क नाम से साफ्टवेयर डाउनलोड कर मैसेज करने के लिए कहा। इसके बाद उसे पांच अंकों का कोड बताने के लिए कहा और जैसे ही कोड बताया तो खाते से 49 हजार 659 रुपये निकल गए। पहली बार उसे खाते से पैसे निकलने का पता नहीं चला। फिर से लीलूराम को एक कोड भेजा गया और कथित कस्टमर केयर कर्मी ने कोड पूछा। कोड बताने के बाद लीलूराम के खाते से 44 हजार 998 रुपये निकल गए। लीलूराम से तीसरी बार फिर से कोड पूछकर ठगों ने 1243 रुपये और धोखाधड़ी से निकालते हुए खाता निल कर दिया। आखिर लीलूराम को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी करते हुए कुल 95 हजार 900 रुपये खाते से निकाल लिए गए हैं। इसके बाद पुन: उस नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया तो वह नंबर बंद मिला। आखिर ठगी का शिकार हुए लीलूराम ने बैंक में संपर्क किया तो पूरा माजरा समझ आया। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। फिर से सक्रिय हुए ठग

दो साल पूर्व हांसी के इलाके में बैंक खातों में सेंधमरी करके ठगी करने वाला गिरोह अधिक सक्रिय था। साल 2019 के शुरुआती महीनों में ठगी के कई बड़े मामले सामने आए थे। जिला पुलिस की साइबर सेल ने कई मामलों में कार्रवाई करते हुए कई ठगों को गिरफ्तार किया था। ज्यादातर मामलों में आनलाइन ठगी अन्य प्रदेशों में बैठे ठगों द्वारा अंजाम देते हैं। इस कारण से कई बार पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल होता है।


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