चाचा की बेटी को अकेली पाकर किया था दुष्कर्म, दोषी को 20 साल कठोर कारावास
दुष्कर्म केस में अदालत ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी करार बलजीत को पोक्सो एक्ट में 20 साल धारा 328 में पांच साल और तीन हजार रुपये जुर्माना धारा 450 में तीन साल सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया है।
जागरण संवाददाता, हिसार: हिसार में चाचा की बेटी को घर में अकेली पाकर पानी में नशा पिलाकर दुष्कर्म करने के आरोपित चचेरे भाई बलजीत को सोमवार को एडीजे सीमा सिंघल की अदालत ने दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने दोषी करार बलजीत को पोक्सो एक्ट में 20 साल, धारा 328 में पांच साल और तीन हजार रुपये जुर्माना, धारा 450 में तीन साल सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया है। साथ ही जुर्माना न भरने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी धाराओं में सजा एक साथ चलेगी।
मामले में दोषी की तरफ से कोई अधिवक्ता नहीं था। वहीं पीड़िता की तरफ से सरकारी अधिवक्ता नरेंद्र ने पैरवी की। नायब कोर्ट एएसआई महेंद्र बिश्नोई ने भी इसमें सहयोग दिया। मामले में महिला थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर 15 अप्रैल 2019 को केस दर्ज किया था। नाबालिग पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 15 अप्रैल 2019 को वह अपने घर पर अकेली थी। उसके परिवार वाले एक अन्य गांव में गेहूं काटने के लिए गए हुए थे। उस दौरान शाम चार बजे वह अपने घर पर टीवी देख रही थी।
उस दौरान उसके ताऊ का बेटा बलजीत उनके घर आया और उसे पानी पीने के लिए पूछने लगा। पीड़िता ने बताया कि उसने आरोपित से पानी लेकर पीया तो उसे नशा होने लगा। पीड़िता ने बताया कि उस दौरान उसके ताऊ के बेटे ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। थोड़ी देर में उसके दूसरे ताऊ की बेटी ने घर आकर उसे जगाया। इसके बाद उसके भाई को मामले की सूचना दी। इसके बाद थाना में शिकायत दी गई। पुलिस ने शिकायत पर पोक्सो एक्ट सहित धाराओं में केस दर्ज किया था।